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झारखंड से पहले भी आतंकवाद का रहा है कनेक्शन, यहां जानें इससे संबंधित पूरा घटनाक्रम

आतंकी संगठनों का पहले से भी झारखंड से खान कनेक्शन रहा है. साल 2002 में इस तरह की पहली घटना घटी थी. जहां हजारीबाग के रहने वाले दो आतंकियों का मार गिराया गया था.

By Sameer Oraon | August 23, 2024 12:16 PM

रांची: एटीएस यानी एंटी टेरिस्ट स्क्वाड ने गुरुवार को खतरनाक आतंकवादी संगठन अलकायदा से जुड़े लोगों के ठिकानों पर छापा मारा था. इस दौरान 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया. लेकिन ये पहली बार नहीं कि जब झारखंड से किसी आतंकी संगठन का नाम जुड़ रहा है. इससे पहले भी कई आतंकियों का संबंध झारखंड से रहा है. साल 2002 की बात है. 28 जनवरी को हजारीबाग के सदर थाना क्षेत्र के खिरगांव मुहल्ले में दो आतंकी मारे गये थे. इनमें इदरीश की घटनास्थल पर व सलीम की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गयी थी.

मौत से पहले आतंकी सलीम ने पुलिस के पास क्या दिया था बयान

सलीम ने उस वक्त पुलिस को बयान दिया था कि दोनों पाकिस्तानी हैं और लश्कर-ए-तोएबा संगठन के लिए काम करते थे. कोलकाता में 22 जनवरी 2002 को हुए अमेरिकन सूचना केंद्र पर हमला करने में उनका हाथ था. इसी तरह 29 फरवरी 2012 को हजारीबाग स्थित पगमिल मोहल्ले के कश्मीर हाउस से लश्कर के आतंकी तौफिक को गिरफ्तार किया गया था. उसकी निशानदेही पर दिल्ली में उसके एक साथी एहतेशाम को गिरफ्तार किया गया था. तौफिक ने इंटर की पढ़ाई मांडू कॉलेज से की थी. वहीं जुलाई 2023 में लोहरदगा से आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट आफ इराक एंड सीरिया के आतंकी फैजान उर्फ फैज की गिरफ्तारी हुई थी.

19 साल का फैजान कैसे देता था दहशत फैलाने का प्रशिक्षण

फैजान की उम्र उस समय केवल 19 साल की थी. लेकिन वह इंटरनेट पर लोगों को दहशत फैलाने को लेकर प्रशिक्षण देता था. इसके बाद 16 सितंबर 2023 को आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया ( आइएसआइएस) के झारखंड मॉड्यूल केस में एनआइए की टीम ने रतलाम के खजूरी देवड़ा निवासी राहुल सेन (23 वर्ष) को गिरफ्तार किया है. उसका पूरा नाम राहुल उर्फ उमर उर्फ उमर बहादुर है. अब तक राज्य से 25 अधिक आतंकियों को पकड़ा गया है.

किन-किन जगहों पर सक्रिय है अलकायदा संगठन :

अलकायदा इंडियन सबकॉन्टिनेंट प्रतिबंधित आतंकी संगठन अल-कायदा की एक शाखा एक्यूआइएस है. अफगानिस्तान, पाकिस्तान, भारत, बर्मा व बांग्लादेश आदि देशों में इसे सक्रिय बताया जाता है. यह संगठन इस्लामिक राज्य स्थापित करने के लिए जिहाद चाहता है. इस संगठन से जुड़े लोग झारखंड में आतंक का प्रचार, समान विचारधारा वाले युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए लोगों को संगठन में भर्ती करते हैं.

जमशेदपुर से भी पकड़े जा चुके हैं आतंकी :

झारखंड की आद्यौगिक राजधानी जमशेदपुर से भी आतंकी संगठन का पुराना रिश्ता रहा है. अलकायदा के अलावा सिम्मी, इंडियन मुजाहिद्दीन, लश्कर ए तैयबा समेत दूसरे आतंकी संगठन के सदस्य भी शहर से पकड़े जा चुके हैं. इसके अलावा अंडरवर्ल्ड सरगना दाउद इब्राहिम के गिरोह के सदस्य भी शहर में छुप कर व नाम बदल कर रह रहे थे. 24 साल बाद गुजरात एटीएस की पुलिस ने 25 दिसंबर 2020 को मानगो सहारा सिटी में छापेमारी कर अब्दुल माजिद कुट्टी को गिरफ्तार किया था. इसके अलावा लंदन एयरपोर्ट पर बम विष्फोट में मारे गये मो कफिल और उसके भाई सबिल का भी कनेक्शन मानगो क्षेत्र से रहा है.

किन-किन लोगों की जमशेदपुर से हुई है गिरफ्तारी

आतंकी संगठन अलकायदा से जुड़े धातकीडीह निवासी मो. सामी,आजादनगर क्रास रोड नंबर 12 निवासी मो. कलीमुद्दीन मुजाहिरी, नसीम अख्तर, धातकीडीह निवासी मो. मोनू, अब्दुल रहमान कटकी समेत कई लोग आतंकी संगठन से जुड़े थे. जिन्हें दिल्ली की स्पेशल सेल व झारखंड एटीएम की टीम ने गिरफ्तार किया था. वहीं दिल्ली के सलीमपुर से गिरफ्तार हुए अलकायदा का भारत प्रमुख मो आसिफ की बहन भी मानगो क्षेत्र में रहती है.

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