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आयुष्मान भारत के चार वर्ष पूरे, झारखंड बना एंटी फ्रॉड इनिशिएटिव में बेस्ट

आयुष्मान भारत योजना के चार वर्ष 25 सितंबर को पूरे रहे हैं. वर्ष 2028 में 25 सितंबर को पूरे देश भर में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना आरंभ की गयी थी. तब से लेकर 24 सितंबर 2022 तक झारखंड में 13.18 लाख मरीजों ने योजना का लाभ उठाकर अलग-अलग बीमारियों में अस्पतालों में मुफ्त इलाज कराया है.

Jharkhand News: आयुष्मान भारत योजना के चार वर्ष 25 सितंबर को पूरे रहे हैं. वर्ष 2028 में 25 सितंबर को पूरे देश भर में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना आरंभ की गयी थी. तब से लेकर 24 सितंबर 2022 तक झारखंड में 13.18 लाख मरीजों ने योजना का लाभ उठाकर अलग-अलग बीमारियों में अस्पतालों में मुफ्त इलाज कराया है. इन मरीजों पर 1466 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं.

क्या कहते हैं स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े

स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक झारखंड में अब तक 38.23 लाख परिवारों में 94.82 लाख लोगों ने आयुष्मान कार्ड बनवाया है. वहीं 224 सरकारी अस्पताल, 574 निजी अस्पताल और 54 भारत सरकार के अस्पताल इस योजना के तहत झारखंड में सूचीबद्ध हैं. बताया गया कि मरीजों में जेनरल मेडिसीन, अॉपथेलमोलॉजी,गायनोकोलॉजी, नियो नेटल, आर्थेपेडिक्स, मेडिकल अंकोलॉजी तक के मरीज रहे हैं.

निजी अस्पतालों की हिस्सेदारी अधिक

हालांकि योजना के तहत सबसे अधिक मरीजों ने निजी अस्पतालों में इलाज कराया है. इनकी हिस्सेदारी 79 प्रतिशत है. जबकि 21 प्रतिशत मरीजों ने ही सरकारी अस्पतालों मे इलाज कराया है. राशि को देखे तो सबसे अधिक निजी अस्पातलों को 1165 करोड़ रुपये दिये गये हैं.

आज झारखंड को मिलेगा अवार्ड

आयुष्मान भारत योजना के तहत झारखंड को एंटी फ्रॉड इनिशिएटिव के कैटगरी में बेस्ट स्टेट के लिए चुना गया है. केंद्र सरकार द्वारा नयी दिल्ली होटल अशोक में आयोजित आरोग्य मंथन-2022 कार्यक्रम के समापन समारोह में यह अवार्ड दिया जायेगा. 25 सितंबर को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री यह अवार्ड झारखंड को देंगे.

अब तक नहीं जुड़ सके हैं मेसो अस्पताल

राज्य में कल्याण विभाग द्वारा संचालित मेसो अस्पतालों को अब तक आयुष्मान योजना से जोड़ा नहीं गया है. इस कारण ट्राइबल सब एरिया प्लान (टीएसपी) जिलों में रहने वाले अनुसूचित जनजाति के जरूरतमंद योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं. साथ ही इसका असर मरीजों के अलावा सरकार के कोष पर भी पड़ रहा है. अब विभाग ने 13 टीएसपी जिलों के 50 बेड वाले कुल 16 ग्रामीण कल्याण अस्पतालों को आयुष्मान योजना से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की है. यह अस्पताल रांची, लोहरदगा, गुमला, जमशेदपुर, चाईबासा, सरायकेला, पाकुड़, लातेहार, खूंटी, सिमडेगा, दुमका, जामताड़ा और साहिबगंज में ग्रामीण कल्याण अस्पतालों के रूप में संचालित हैं. मेसो अस्पतालों के आयुष्मान से जुड़ने के बाद बीमा कंपनियां इलाज का खर्च प्रबंधन के पास में जमा करायेंगी. ऐसा करने से राज्य सरकार का कोष बचेगा. फिलहाल, मेसो अस्पतालों में मरीजों के इलाज पर होने वाले खर्च का बोझ राज्य सरकार पर पड़ता है. टीएसपी जिलों में अस्पतालों का संचालन स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से किया जाता है. राज्य सरकार स्वयंसेवी संस्थाओं को उसके एवज में भुगतान करती है.

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