अफगानिस्तान में फंसे झारखंड के बबलू लौटे, भावुक हो कर कही ये बड़ी बात, PM Modi और CM Hemant को दिया धन्यवाद
वतन लौट भावुक हुए बबलू, कहा-मेरा दूसरा जन्म हुआ, पीएम व सीएम को दिया धन्यवाद. काबुल से दिल्ली पहुंचने के बाद विस्तारा विमान से रांची आये. रांची के अशफाक अहमद और एक अन्य भी लौटे दिल्ली, ट्रेन से सोमवार को आ सकते हैं रांची.
रांची : अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में फंसे बोकारो के बेरमो थाना क्षेत्र के गांधीनगर निवासी बबलू भारत लौटने के बाद रविवार की देर शाम रांची पहुंचे. दिल्ली से रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर विस्तारा के विमान से पहुंचे और वहां से रात 8:25 बजे बाहर निकले. लौटने पर उनका एंटीजन और आरटीपीसीआर टेस्ट हुआ. रिपोर्ट निगेटिव आयी. एयरपोर्ट से बाहर आने पर उन्होंने धरती मां को प्रणाम किया.
इस दौरान बबलू भावुक हो गये, कहा-मेरा दूसरा जन्म हुआ. मेरी वापसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का अहम योगदान रहा. दोनों नेताओं को दिल से धन्यवाद. वहीं, उन्हें लाने में रांची की ज्योति उर्फ निक्की ने भी काफी मदद की, इसके लिए उनका भी आभार. रांची के अशफाक अहमद और उनके साथ एक व्यक्ति सोमवार को दिल्ली से ट्रेन से रांची आ सकते हैं.
निजी कंपनी में करते थे रेडियो ऑपरेटर का काम :
बबलू ने बताया कि वह अफगानिस्तान की निजी कंपनी में काबुल में ही 2018 से रेडियो ऑपरेटर के तौर पर काम करते थे. कंपनी के मालिक ने काफी मदद की. सबकुछ ठीक-ठाक चल रहा था, लेकिन अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान से हटने के बाद तालिबानियों की गतिविधि शुरू हो गयी.
तालिबानी जलालाबाद की ओर से घुस रहे थे. एयरपोर्ट के अंदर जाने में तालिबानी सेना ने मदद की. भीड़ को हटा कर एयरपोर्ट के अंदर प्रवेश कराया. तब लगा कि अब जान बच जायेगी और वतन पहुंच जायेंगे.
ढाई किमी की दूरी 24 घंटे में पूरी की :
बबलू ने कहा कि वह 15 अगस्त से भारत लौटने का प्रयास कर रहे थे. 16 अगस्त को एयरपोर्ट के लिए निकले. इतनी गोली चल रही थी कि वापस फिर कंपनी के गेस्ट हाउस चले गये. वहां से फिर 20 अगस्त को काबुल एयरपोर्ट के समीप स्थित होटल में पहुंचे. होटल से महज ढाई किमी की दूरी पर काबुल एयरपोर्ट था, लेकिन वहां पहुंचने में करीब 24 घंटे का वक्त लग गया. चार बसों पर रांची के अशफाक अहमद और एक अन्य के साथ करीब 160 भारतीय एयरपोर्ट के लिए रवाना हुए.
लेकिन वहां पहुंचने में दो दिन का वक्त लग गया. इस दौरान खाने के लिए सिर्फ बिस्कुट, पानी और कोल्ड ड्रिंक मिलता था. उन्होंने कहा कि किसी भारतीय का अपहरण तालिबानियों ने नहीं किया था. एक सवाल के जवाब में बबलू ने कहा कि अगर अफगानिस्तान के हालात अच्छे हुए और भारत का वहां से रिश्ता अच्छा रहा, तो वह फिर से काम के लिए वहां जाना चाहेंगे. लेकिन अगर काम अपनी मिट्टी में ही मिल जाये, तो फिर वहां क्यों जायेंगे? उन्हाेंने कहा कि वह सोमवार को बोकारो अपने परिवार के पास जायेंगे.
Posted By : Sameer Oraon