छात्रों का झारखंड बंद 10 अप्रैल को, इन संगठनों का भी है समर्थन प्राप्त
झारखंड यूथ एशोसिएशन ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि टाइगर जगरनाथ महतो के आकस्मिक निधन से पूरा राज्य सदमे में है. उनका सबसे बड़ा सपना 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति लागू करना था
छात्रों ने 10 अप्रैल को झारखंड बंद का आह्वान किया है. ये बंद 60: 40 नियोजन नीति के विरोध में बुलाया गया है. इसकी सारी तैयारी हो चुकी है. इस बाबत छात्रों के एक संगठनों द्वारा बापू वाटिका मोहराबादी रांची में आज शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस बुलायी गयी और संपूर्ण रणनीति के बारे में जानकारी दी गयी. सबसे पहले टाइगर जगरनाथ महतो को श्रद्धांजलि को दी गयी.
इसके बाद झारखण्ड यूथ एशोसिएशन ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि टाइगर जगरनाथ महतो के आकस्मिक निधन से पूरा राज्य सदमे में है. उनका सबसे बड़ा सपना 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति लागू करना था. लेकिन अफसोस वो पूरा नहीं हो सका. इसलिए हम तमाम झारखंडियों का फर्ज है कि हम उनके सपने को पूरा करें.
दूसरी तरफ झारखंड 60:40 वाली नियोजन नीति के आधार पर बहाली निकाल रही है ताकि दूसरे राज्य के ज्यादातर लोग नौकरी में आ सके. राज्य के छात्र लगातार 60:40 खिलाफ व खतियान आधारित स्थानीय-नियोजन नीति की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं. लेकिन सरकार के कान में जूं तक नही रेंग रही है. इसलिए हम 10 अप्रैल दिन सोमवार को झारखंड बंद का आह्वान करते हैं. कुछ छात्र नेता सरकार से मिलकर आन्दोलन को टालने की षड्यंत्र कर रहे हैं, जिससे सावधान रहने की जरूरत है.
बंद को झारखण्ड यूथ एशोसिएशन, झारखण्ड उलगुलान मार्च, पंचपरगना फाइटर,आदिवासी छात्र संघ, आयमा व अन्य आदिवासी-मूलवासियों का भी समर्थन प्राप्त हैं. झारखण्ड यूथ एशोसिएशन के केंद्रीय संयोजक इमाम सफी ने कहा कि स्वर्गीय जगरनाथ महतो को पूरा करना ही उनकी सच्ची प्रति श्रद्धांजलि होगी. बता दें प्रेस वार्ता को रवि पीटर, अमर गुलियार, ललित महतो, इकबाल अंसारी आदि ने भी संबोधित किया.