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झारखंड में जीरो बैलेंस के कारण पेनाल्टी के तौर पर बैंकों ने निकाले स्टूडेंट किट के पैसे

झारखंड के कुल 34850 प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में संचालित एसएमसी (स्कूल मैनेजिंग कमेटी) के बैंक खातों से मिनिमम बैलेंस मेंटेनेंस के पेनाल्टी के तौर पर राज्य के स्कूलों के बैंक खातों से पेनाल्टी के तौर पर करोड़ों रुपये काट लिये गये हैं.

झारखंड के कुल 34850 प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में संचालित एसएमसी (स्कूल मैनेजिंग कमेटी) के बैंक खातों से मिनिमम बैलेंस मेंटेनेंस के पेनाल्टी के तौर पर राज्य के स्कूलों के बैंक खातों से पेनाल्टी के तौर पर करोड़ों रुपये काट लिये गये हैं. वह भी तब, जब झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने 11 जून 2021 को एक पत्र जारी कर बैंकों को स्पष्ट रूप से यह निर्देश दिया था कि स्कूल खाते में मिनिमम बैलेंस मेंटेंन के नाम पर पेनाल्टी की शर्त को शिथिल की जाये.

इसका खुलासा तब हुआ, जब सरकार की ओर से समग्र शिक्षा अभियान के तहत पहली से आठवीं क्लास तक के बच्चों के स्टूडेंट किट की राशि के एवज में 28.71 करोड़ की राशि जारी की गयी, लेकिन स्कूलों में जब प्रति छात्र संख्या के आधार पर दी गयी राशि की गणना की गयी, तो छात्र संख्या के हिसाब से यह काफी कम थी. शिक्षा विभाग के अकाउंट्स डिपार्टमेंट द्वारा की गयी छानबीन के बाद यह बात उभर कर सामने आयी कि बैंक की ओर से बैंक अकाउंट मेंटेन नहीं रहने की वजह से राशि में कटौती की गयी है.

गौरतलब है कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की ओर से करीब डेढ़ साल पूर्व एक आदेश जारी किया गया था, जिसमें सभी स्कूलों के बैंक खातों में मौजूद राशि को विभाग के पास डीडी के जरिये वापस करने का निर्देश दिया था. उक्त निर्देश के बाद सभी स्कूलों का बैलेंस जीरो हो गया था. समग्र शिक्षा अभियान के तहत सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को स्कूल किट के लिए 28.41 करोड़ रुपये जारी किये गये हैं. इस योजना से 80 हजार विद्यार्थी लाभान्वित होंगे.

किसे क्या मिलेगा

पहली और दूसरी कक्षा के विद्यार्थियों को – पेन, पेंसिल, रबर व कटर

तीसरी से पांचवीं कक्षा तक के बच्चों को – पेन, पेंसिल, रबर व कटर के साथ ~30 की लागत से इंस्ट्रूमेंट बॉक्स

छठी से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को – पेन, पेंसिल, रबर व कटर के लिए 75 रुपये, इंस्ट्रूमेंट बॉक्स के लिए 30 रुपये

स्कूलों से बच्चों के खाते से किट के एवज में भेजी गयी राशि के कटने की जानकारी मिली है. इस मामले में हम गंभीर हैं. बैंक के साथ ही जिला प्रशासन द्वारा भी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पास पत्राचार किया जा रहा है, ताकि बच्चों के खाते से किसी प्रकार की राशि की कटौती नहीं हो.

-संतोष कुमार, एलडीएम

क्या है मिनिमम बैलेंस का नियम :

अलग-अलग बैंकों का अपना-अपना एवरेज मिनिमम बैलेंस होता है. कुछ बैंकों की लिमिट एक जैसी होती है, कुछ की अलग. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ग्रामीण क्षेत्रों के लिए यह लिमिट 1,000 रुपये, सेमी-अर्बन इलाकों के ग्राहकों के लिए 2,000 रुपये और मेट्रो सिटी में यह लिमिट 3,000 रुपये रखता है. वहीं एचडीएफसी या आइसीआइसीआइ जैसी बैंक मेट्रो सिटी में मिनिमम बैलेंस लिमिट 10,000 रुपये तक रखती है.

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