Jharkhand : ‘कुसुम इंपोरियम’ खरीदारी का बेहतरीन डेस्टिनेशन
कुसुम इंपोरियम. एक ऐसा बाजार जहां झारखंड के कारीगरों की कलाकृति दिखती है. बांस से बनी सामग्री, टेराकोटा, डोकरा आर्ट, लाह के उत्पाद, हैंडलूम साड़ियां, जूट से बनी सामग्री, ऑरगेनिक फूड प्रोडक्ट्स, हर्बल ब्यूटी और मडुआ के उत्पाद उपलब्ध हैं.
Jharkhand News : कुसुम इंपोरियम. एक ऐसा बाजार जहां झारखंड के कारीगरों की कलाकृति दिखती है. इसमें खास हैं : बांस से बनी सामग्री, टेराकोटा, डोकरा आर्ट, लाह के उत्पाद, हैंडलूम साड़ियां, जूट से बनी सामग्री, ऑरगेनिक फूड प्रोडक्ट्स, हर्बल ब्यूटी और मडुआ के उत्पाद़ इन उत्पादों को रांची, गोड्डा, दुमका, खूंटी, हजारीबाग के कलाकारों ने पेश किया है. कुसुम इंपोरियम पुरुलिया रोड में स्थित है. इसका संचालन झास्कोलैम्प करता है. यह जगह कारीगरों के लिए बेहतरीन मंच है़, जहां प्रोडक्ट की बिक्री कर सकते हैं. जगह के लिए कोई राशि नहीं ली जाती है.
कारीगरों को मंच देना है उद्देश्य
कुसुम इंपोरियम की नींव वर्ष 2014 में पड़ी़ यह पहल झारखंड सरकार की थी़ इसका उद्देश्य था अपने राज्य के कारीगरों को एक मंच देना़ खास बात है कि कुसुम इंपोरियम कारीगरों के उत्पादों को जगह देने के साथ-साथ उनकी बिक्री का भी जिम्मा उठाता है. साथ ही होनेवाली आय का मात्र सिर्फ 05-20 फीसदी रखकर बाकी का लाभ सीधे कारीगरों के बैंक खाते में चला जाता है. कारीगरों को यहां सिर्फ अपने उत्पाद को लाना पड़ता है.
कोई भी कारीगर जुड़ सकता है
यदि आप भी अपने हाथ से बने उत्पाद को मंच देना चाहते हैं, तो कुसुम इंपोरियम से जुड़ने का अच्छा मौका है. इसके लिए झारखंड का कारीगर होना जरूरी है. कुसुम इंपोरियम के माध्यम से पहले उत्पाद की बिक्री क्षमता को परखा जाता है. यदि उत्पाद बिक्री लायक है, तो उसे यहां रख लिया जाता है. उसके बाद कारीगरों की लागत के आधार पर उसे इंपोरियम में बेचा जाता है. दो-तीन माह में उत्पाद की बिक्री नहीं होती है, तो उसे कारीगरों को फिर वापस कर दिया जाता है.
हुनर को कीजिए प्रोत्साहित
यह इंपोरियम खरीदारी का भी बेहतरीन डेस्टिनेशन है. हालांकि अधिकतर राजधानीवासियों को इस जगह की जानकारी नहीं है. इन कारीगरों के हाथ के बने उत्पादों की खरीदारी कर उनके हुनर को प्रोत्साहित करने की जरूरत है. आपको यहां 65 कारीगरों की कारीगरी देखने को मिलेगी.
इंपोरियम में है खास
कुसुम इंपोरियम में एक से बढ़कर कलाकृति देखने को मिल जायेगी. डोकरा आर्ट की खूबसूरती को सबको मोहती है. इस आर्ट को फ्रेम, मोमेंटाे पर भी देखा जा सकता है. साथ ही भगवान बिरसा मुंडा का मोमेंटो भी खास है. बांस की छाल से बना फ्रेम देखने लायक है. साथ ही मधुबनी पेटिंग और पितली आर्ट की भी झलक दिखती है. गोड्डा और भागलपुर के तसर घीचा सिल्क की हैंडलूम साड़ियां उपलब्ध हैं. हजारीबाग के विष्णुगढ़ के कारीगरों ने पीतल और कांसा के बरतन को पेश किया है.
कुसुम इंपोरियम में लाह भी उपलब्ध है
कुसुम इंपोरियम में झारखंड का लाह भी उपलब्ध है. नामकुम में झास्को लैम्प की फैक्ट्री है, जहां विभिन्न तरह के लाह का उत्पादन होता है. इसकी सप्लाई पूरे देश में होती है. लाह का उपयोग चुड़ियों, दवाइयां और कॉस्मेटिक्स आदि में होता है. लिपस्टिक में भी लाह का इस्तेमाल होता है.
झारखंड के कारीगरों को मंच मिले
झास्को लैम्प द्वारा संचालित कुसुम इंपोरियम के उत्पादों की ज्यादातर बिक्री मेले में होती है़ कारीगरों के उत्पादों को ट्रेड फेयर और एग्जीबिशन में प्रदर्शित किया जाता है़ हालांकि कोरोना काल में इन कारीगरों काे काफी नुकसान हुआ है़ कुसुम की कोशिश है कि झारखंड के कारीगरों को मंच मिले़ इनका उत्पाद फिल्कपा अमेजन इनके हाथ से बने उत्पादों को बाजार मिल सके.
– देवेंद्र सिंह, एमडी, झास्को लैम्प