रांची : झारखंड (Jharkhand) के पलामू जिला (Palamau District) में एक क्रशर प्लांट (Crusher Plant) पर हमले के बाद झारखंड-बिहार की पुलिस ने मिलकर नक्सलियों के खिलाफ अभियान (Operation Against Naxalites) छेड़ दिया है. संयुक्त अभियान में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवान भी शामिल हैं. पलामू की पुलिस गया (Gaya) और औरंगाबाद (Aurangabad) पुलिस के लगातार संपर्क में है.
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पलामू के पीपरा थाना क्षेत्र में एनएच-98 पर स्थित चपरवार में सिद्धार्थ स्टोन क्रशर प्लांट में नक्सलियों ने विस्फोट के बाद आगजनी की थी. इसके बाद एसपी ने घटनास्थलका दौरा किया और पलामू की पुलिस ने बिहार पुलिस के साथ मिलकर नक्सलियों के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया.
इनपुट के आधार पर बिहार-झारखंड की पुलिस और सीआरपीएफ के जवान छापेमारी कर रहे हैं. बताया जाता है कि घटना को अंजाम देने से पहले भाकपा माओवादी के दस्ते ने पूरे क्षेत्र में नाकाबंदी कर दी थी. सभी नक्सली वॉकी-टॉकी से एक-दूसरे के संपर्क में थे. अपने कमांडर के निर्देश पर काम कर रहे थे.
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बताया जाता है कि प्रतिबंधित संगठन भाकपा माओवादी के नक्सलियों ने वर्ष 2020 में पिपरा थाना के चपरवार में अपनी पहली बड़ी कार्रवाई में क्रशर प्लांट में विस्फोट एवं आगजनी की थी. इससे पहले नवंबर, 2019 में पिपरा बाजार में सरेशाम गोलीबारी कर झामुमो नेता मोहन गुप्ता और फल विक्रेता सूरज सोनी की गोली मारकर हत्या कर दी थी.
लोकसभा चुनावों के दौरान 26 अप्रैल, 2019 को हरिहरगंज मुख्य बाजार में माओवादियों ने भाजपा के चुनाव कार्यालय को विस्फोट करके उड़ा दिया था. जुलाई, 2019 में बटाने नदी पर बने पुल को उड़ाने का प्रयास भी नक्सलियों ने किया था. विधानसभा चुनावों में माओवादियों ने लगातार अपनी सक्रियता दिखाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस के आगे उनकी एक न चली.
औरंगाबाद-गया जिले की सीमा पर स्थित सोनदाहा, पचरुखिया, बरहा, डूमरीनाला, लंगुराही, छकरबंधा का जंगल माओवादियों के टॉप कमांडरों का सुरक्षित ठिकाना माना जाता है. कहते हैं कि भाकपा माओवादी के पोलित ब्यूरो सदस्य पीके मिश्रा, सेंट्रल कमेटी सदस्य संदीप यादव समेत टॉप नक्सली नेताओं का यह ठिकाना है.
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जंगल में सर्च ऑपरेशन में शामिल जवानों की मानें, तो यह जंगल छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा से भी खतरनाक है. करीब 30 किलोमीटर क्षेत्र में फैले इस जंगल में नक्सलियों के बंकर हैं. स्टोन माइंस हमले में शामिल माओवादी कमांडर नितेश यादव, संजय गोदराम, अभिजीत व अन्य छकरबंधा से ही आये थे.पलामू में इसी इलाके से माओवादी गतिविधि संचालित होता है.