झारखंड : बिरसा मुंडा टूरिज्म सर्किट बनेगा, 40 करोड़ रुपये देगी केंद्र सरकार

आदिवासी मामलों के मंत्रालय ने भगवान बिरसा से जुड़ी जगहों के पर्यटकीय विकास के लिए 40 करोड़ रुपये की योजना को स्वीकृति दी है. इस राशि से भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू, चलकद इत्यादि का विकास किया जायेगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 9, 2024 10:51 AM
an image

विवेक चंद्र, रांची : झारखंड में ‘बिरसा मुंडा टूरिज्म सर्किट’ विकसित किया जायेगा. खूंटी के उपायुक्त लोकेश मिश्रा द्वारा तैयार किये गये इससे संबंधित प्रस्ताव को भारत सरकार ने मंजूरी दे दी है. आदिवासी मामलों के मंत्रालय ने भगवान बिरसा से जुड़ी जगहों के पर्यटकीय विकास के लिए 40 करोड़ रुपये की योजना को स्वीकृति दी है. इस राशि से भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू, चलकद (जहां उनका प्रारंभिक जीवन बीता), बीरबांकी हाट (जहां युवा बिरसा ने समय बिताया था), डोंबारीबुरु (जहां भगवान बिरसा के अनुयायियों पर अंग्रेजों ने अंधाधुंध फायरिंग की थी) और खूंटी सदर थाना का हाजत (जहां गिरफ्तारी के बाद भगवान बिरसा को रखा गया था) का विकास किया जायेगा. इसके अलावा योजना के तहत भगवान बिरसा के सेनापति कहे जानेवाले गया मुंडा के पैतृक गांव एटकेडीह को भी विकसित किया जायेगा.

रामरेखा धाम भी रामायण सर्किट से जोड़ा जायेगा

केंद्र सरकार द्वारा भगवान राम से जुड़े स्थलों को जोड़ने के लिए तैयार किये जा रहे ‘रामायण सर्किट’ में सिमडेगा स्थित रामरेखा धाम को भी जोड़ा जायेगा. सूचना है कि पर्यटन विभाग द्वारा भेजे गये प्रस्ताव को भारत सरकार ने मंजूरी दे दी है. रामरेखा धाम में पर्यटकीय सुविधाएं विकसित करने के लिए 25 करोड़ रुपये की योजना पर सहमति प्रदान की गयी है. मालूम हो कि रामायण सर्किट के गंतव्य स्थलों के रूप में पूरे देश में उन स्थानों को चुना गया है, जिन स्थानों पर भगवान राम के जाने की मान्यता है. इन स्थानों में अयोध्या, शृंगवेरपुर एवं चित्रकूट (उत्तर प्रदेश), सीतामढ़ी, बक्सर और दरभंगा (बिहार), चित्रकूट (मध्य प्रदेश), नंदीग्राम (पश्चिम बंगाल), महेंद्रगिरि (ओडिशा), जगदलपुर (छत्तीसगढ़), भद्राचलम (तेलंगाना), रामेश्वरम (तमिलनाडु), हंपी (कर्नाटक), नासिक एवं नागपुर (महाराष्ट्र) पहले से शामिल हैं.

क्या होता है टूरिज्म सर्किट

पयटकों के पर्यटन अनुभव को समृद्ध बनाने और रोजगार के अवसरों में वृद्धि करने के लिए थीम आधारित टूरिज्म सर्किट्स तैयार किये जाते हैं. सर्किट में आनेवाले पर्यटन स्थलों में विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचों का विकास किया जाता है. पर्यटन स्थलों में स्थानीय उत्पादों की बिक्री की जाती है. पर्यटन के प्रति आकर्षण को बढ़ाने के उद्देश्य से पर्यटकों को सुविधाएं उपलब्ध करायी जाती हैं. स्थानीय लोगों को पर्यटन से जोड़ कर रोजगार उपलब्ध कराया जाता है.

Exit mobile version