भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव रहे राजीव अरुण एक्का पर गंभीर आरोप लगाये हैं. झारखंड प्रदेश भाजपा ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को एक ज्ञापन सौंपा है. इसमें कहा गया है कि मुख्यमंत्री के तत्कालीन प्रधान सचिव के जरिये गोपनीय एवं बेहद संवेदनशील सूचनाएं उग्रवादियों, आतंकवादियों एवं अपराधियों तक पहुंचने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है.
भाजपा ने जो ज्ञापन ईडी को सौंपी है, उसमें कहा है कि झारखंड के मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन जैसे संवेदनशील विभाग के भी प्रभार में थे. भाजपा का आरोप है कि इन विभागों की वैसी महत्वपूर्ण, मालदार एवं संवेदनशील फाइलें कथित तौर पर सचिवालय से निकालकर विशाल चौधरी के प्राइवेट कार्यालय में पहुंचा दी जाती थी.
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इसके बाद विशाल चौधरी फोन करके लाभान्वितों से पैसे की वसूली करता था. इसके बाद राजीव अरुण एक्का उसके (विशाल चौधरी के) कार्यालय में पहुंचते थे और वहीं पर उन संचिकाओं पर हस्ताक्षर करते थे, जिसके एवज में वसूली हो चुकी होती थी. भाजपा ने कहा है कि पार्टी के आरोपों पर राजीव अरुण एक्का ने प्रेस में स्पष्टीकरण दिया है, जिससे साबित होता है कि वीडियो क्लिप सही है.
भाजपा ने कहा है कि इतने महत्वपूर्ण पद पर बैठे अधिकारी का ऐसा गलत काम राज्य और देश की सुरक्षा से भी जुड़ा है. मुख्य विपक्षी पार्टी ने आशंका जतायी है कि राजीव अरुण एक्का ने अपने इस गैरकानूनी काम से विशाल चौधरी के मार्फत बड़े पैमाने पर पैसे की वसूली और मनी लाउंडरिंग की है.
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भाजपा के 8 नेताओं के हस्ताक्षर से जारी जो ज्ञापन ईडी को सौंपा गया है, उसमें गहन जांच की मांग की है. कहा गया है कि विशाल चौधरी और राजीव अरुण एक्का में गहरे रिश्ते हैं. दोनों ने मिलकर करोड़ों की अवैध कमाई की. रांची एवं देश के विभिन्न राज्यों के अलावा विदेशों में भी अवैध रूप से संपत्तियां अर्जित की हैं. इसलिए विशाल चौधरी से कड़ाई से पूछताछ होनी चाहिए.
भाजपा ने ईडी को एक पेन ड्राइव भी सौंपा है, जिसमें राजीव अरुण एक्का का एक वीडियो क्लिप है, जिसमें वह विशाल चौधरी के दफ्तर में बैठकर कथित तौर पर सरकारी फाइलें निबटा रहे हैं. ज्ञापन पर बाबूलाल मरांडी, दीपक प्रकाश, गंगोत्री कुजूर, शिवपूजन पाठक, सरोज सिंह, योगेंद्र प्रताप सिंह, राहुल अवस्थी और अशोक बड़ाईक ने हस्ताक्षर किये हैं.