मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बयान पर भाजपा विधायक दल के नेता सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने पलटवार किया है. ट्विट कर उन्होंने कहा है कि अनुच्छेद 19 (1) (बी) के तहत नागरिकों को अधिकार है कि वो अपनी मांग और किसी बात का विरोध करने के लिए शांतिपूर्ण तरीके से एक जगह इकट्ठा होकर धरना-प्रदर्शन कर सकते हैं. लेकिन मुख्यमंत्री के पद पर बैठा शख्स अपने कार्यकर्ताओं को कह रहा है कि भाजपा के धरना में शामिल होनेवालों की पहचान करो. उन्हें वक्त पर सबक सिखायेंगे.
श्री मरांडी ने कहा कि क्या मुख्यमंत्री राज्य में टारगेट पॉलिटिकल किलिंग करने का आदेश दे रहे हैं? क्या ये भाजपा के कार्यकर्ताओं को धमकी नहीं है. उन्होंने मुख्यमंत्री को कहा कि उम्मीद थी आप संवैधानिक अधिकारों को लेकर ऐसी धमकी भरी बातें नहीं करेंगे. जवाब जनता देगी, इंतजार कीजिए. घोटाले की गिरफ्त में फंसे होने के चलते जेल जाने के खतरे से आपकी बेचैनी और बौखलाहट समझ में आ रही है. लूटों और विरोध करनेवालों को सबक सिखाओ, इस चक्कर में आपने खुद अपनी यह हालत बनायी है.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भाषण पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री सत्ता मद में अहंकार की भाषा बोल रहे हैं. वे लोकतंत्र का गला घोंटना चाहते हैं. भाजपा राज्य के सवा तीन करोड़ जनता की भावनाओं की अभिव्यक्ति है. भाजपा के कार्यकर्ता जब आपातकाल में कांग्रेस के दमन से नहीं डरे, तो फिर आज क्या डरेंगे मुख्यमंत्री जी. श्री प्रकाश ने कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से भाजपा सदन से सड़क तक खनिज संसाधनों की मची लूट व अत्याचार के खिलाफ संघर्ष को तैयार है.
राजद के मुख्य प्रवक्ता डॉ मनोज कुमार ने कहा कि भाजपा जनता द्वारा चुनी हुई सरकार को राजनीतिक षड्यंत्र के तहत अपदस्थ करना चाहती है. भाजपा के लिए यह मुंगेरी लाल के हसीन सपने के समान है. उन्होंने कहा कि यूपीए गठबंधन की सरकार जनता के हित में काम कर रही, यह भाजपा को पच नहीं रहा है. यही वजह है कि तरह तरह के राजनीतिक षड्यंत्र रचे जा रहे हैं. हालांकि इसका कोई असर सरकार पर नहीं पड़नेवाला है. यूपीए गठबंधन तटस्थ और एकजुट है.