झारखंड: युवा आक्रोश रैली में BJP नेताओं और पुलिस का ऐसा हुआ आमना-सामना, देखें तस्वीरें
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि राज्य भर के युवाओं को झामुमो के निश्चय पत्र में की गयी घोषणाओं का हिसाब चाहिए.
रांची : मोरहाबादी मैदान में आयोजित भाजपा युवा मोर्चा के आक्रोश रैली में राज्य के विभिन्न हिस्सों से भाजपा कार्यकर्ता पहुंचे थे. प्रशासन द्वारा लगायी गयी धारा 144 और कंटीले तारों से की गयी मैदान की बैरिकेडिंग के बावजूद बड़ी संख्या में कार्यकर्ता रैली में शामिल होने आये. रैली के दौरान आयोजित सभा को संबोधित करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड की सरकार ने नौजवानों को ठगा है. इतना ही नहीं उन्होंने अपना वादा पूरा नहीं करने पर राजनीति से संन्यास लेने की बात कही थी. पांच साल गुजर गये, लेकिन हेमंत सरकार युवाओं को सरकारी नौकरी नहीं दे पायी. नौकरी तो दिया नहीं और संन्यास भी नहीं लिया, तो अगर थोड़ी भी नैतिकता बची हो, तो हेमंत सोरेन को सार्वजनिक रूप से अपनी वादाखिलाफी को लेकर यहां के नौजवानों और राज्य की जनता से माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन युवाओं का आक्रोश देखकर डरे सहमे हैं. उनकी सरकार घबरायी हुई है. प्रदेश की जनता- जनार्दन देख रही है, किस प्रकार से युवाओं के आंदोलन को तानाशाही तरीके से दबाने का प्रयास किया जा रहा है.
सरकार की बर्बर कार्रवाई लोकतंत्र का काला दिन, न्यायिक जांच हो :
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने युवा आक्रोश रैली में पुलिसिया कार्रवाई पर कहा है कि सभा के बाद मुख्यमंत्री आवास के लिए शांतिपूर्वक मार्च निकाल रहे भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं पर जिस प्रकार का रवैया राज्य सरकार ने दिखाया वह कायरतापूर्ण है. बर्बर तरीके से आंसू गैस और वाटर कैनन का प्रयोग किया गया. आज का दिन लोकतंत्र के काले अध्याय के रूप में दर्ज हो गया. मेरे भाषण के दौरान ही आंसू गैस के गोले छोड़े गये. पूरी घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिए. कंटीले तारों की घेराबंदी भी अब हेमंत सरकार को नहीं बचा पायेगी. निर्णायक लड़ाई का आगाज हो चुका है.
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प्रशासन व पुलिस ने लोकतंत्र को कुचलने का काम किया :
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि राज्य भर के युवाओं को झामुमो के निश्चय पत्र में की गयी घोषणाओं का हिसाब चाहिए. लेकिन, झारखंड सरकार का रवैया लोकतंत्र विरोधी है. डरी-सहमी सरकार भाजपा कार्यकर्ताओं को रोकने में लगी है. यह आपातकाल की पुनरावृत्ति है. यह विदाई का संकेत है. उन्होंने कहा कि नौकरी, बेरोजगारी के सवालों पर भागनेवाला मुख्यमंत्री आज तक नहीं देखा. घोषणा पत्र के सारे दावे फेल हैं. प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने झामुमो कार्यकर्ताओं की तरह लोकतंत्र को कुचलने का काम किया है. भाजपा का जन्म ही दमन से हुआ है. भाजपा कार्यकर्ता डरनेवाले नहीं हैं.
सर्वे हुआ तो सबसे डरपोक सीएम के रूप में आयेगा हेमंत सोरेन का नाम :
विधायक सह युवा आक्रोश रैली कार्यक्रम के संयोजक भानुप्रताप शाही ने कहा कि सड़ी-गली सरकार को धक्का देने पहुंचे युवाओं की हुंकार हेमंत सोरेन को हर साल पांच लाख नौकरी और बेरोजगारी भत्ता, नहीं तो राजनीति से संन्यास लेने का वादा याद दिला रही है. सभी मोर्चों पर फेल हेमंत सोरेन सरकार पांच सालों में स्पष्ट नियोजन नीति तक नहीं बना सकी. 60:40 में युवाओं को उलझा दिया. उन्होंने कहा कि आज की तारीख में सर्वे कराया जाये, तो सबसे डरपोक मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन का नाम सामने आयेगा. उनकी सरकार ने संविदा कर्मियों को नियमित करने की जगह उनको पीटने और पिटवाने का काम किया. युवाओं को ठगने, बैरिकेटिंग पर तार लगाने वाली बांग्लादेशी और तालिबानी सरकार को हर हाल में जाना चाहिए.
भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष बोले- न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा आंदोलन
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष शशांक राज ने कहा कि राज्य के युवाओं को न्याय मिलने तक संघर्ष और आंदोलन जारी रहेगा. राज्य के युवाओं को ठग कर सत्ता हथियाने वालों को मुंह छुपा कर दुबकना पड़ रहा है. मुख्यमंत्री को युवाओं के हर सवाल का जवाब देना पड़ेगा.
मौके पर ये लोग थे मौजूद
मौके पर संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिनेशानंद गोस्वामी, रवींद्र कुमार राय, अभयकांत प्रसाद, यदुनाथ पांडेय, राकेश प्रसाद, सांसद विद्युत वरण महतो, मनीष जयसवाल, ढुलू महतो, विधायक सीपी सिंह, बिरंची नारायण, नीरा यादव, नारायण दास, आरती कुजूर , विकास प्रीतम, बालमुकुंद सहाय, योगेंद्र प्रताप सिंह, अमरदीप यादव, पवन साहू, रूपेश सिन्हा सहित अन्य मौजूद थे.
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