रांची: वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि सरकार का वित्तीय प्रबंधन अच्छा है, इसलिए पैसा जुटा रहे हैं. बजट की राशि खर्च होगी. इसमें किसी तरह की बंदरबांट नहीं होगी. डॉ उरांव शुक्रवार को विधानसभा में बजट पर चर्चा के बाद सरकार के उत्तर में यह बातें कही. उन्होंने कहा कि बजट में पूंजीगत व्यय जितना ज्यादा होगा, विकास उतना अधिक होगा.
इस बात को ध्यान में रख कर बजट में पूंजीगत व्यय को पिछले वर्ष की तुलना में 900 करोड़ रुपये ज्यादा की व्यवस्था की गयी है. पिछले वर्ष पूंजीगत व्यय 15,000 करोड़ का था, इस वर्ष बढ़ाकर 24000 करोड़ किया गया है. उन्होंने कहा कि यह सच है कि इस बार भारत सरकार से पैसा ज्यादा मिला है. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही है.
100 गांवों के समग्र विकास के लिए विधायकों की अनुशंसा पर काम होगा. 100 यूनिट बिजली मुफ्त दी जायेगी. 40 हजार लाभुकों को स्वरोजगार के लिए पशुधन योजना से जोड़ा जायेगा. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राज्य मद से एक अतिरिक्त कमरा बनाया जायेगा. इसके लिए एक लाख लाभुकों को एक कमरा के लिए अलग से 50 हजार रुपये दिये जायेंगे. ग्राम पंचायत भवन को ज्ञान केंद्र के रूप में विकसित किया जायेगा. आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों को गर्म पोषक दिया जायेगा.सभी जिले में पुस्तकालय का निर्माण कराया जायेगा.चर्चा में विधायक दीपिका पांडेय, प्रदीप यादव व मथुरा महतो ने बजट में सरकार के विजन पर प्रकाश डाला.
माले विधायक विनोद सिंह ने कहा कि बजट में ग्रामीण सड़कों के लिए राशि का प्रावधान किया जाना चाहिए. अभी राज्य के सैकड़ों गांव सड़क से वंचित हैं. रिक्त पदों को भरने के लिए सरकार को प्राथमिकता देना चाहिए.
रांची. विधानसभा के बजट सत्र के पांचवें दिन द्वितीय पाली में सदन की कार्यवाही दिन के 2.12 बजे शुरू हुई. कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायक बिरंची नारायण ने सदन में अधिकारियों के नहीं आने का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि 2022-23 के बजट को लेकर सदन में चर्चा होनी है. परंतु यह दुर्भाग्य है कि मुख्य सचिव, डीजीपी समेत कोई भी अधिकारी दीर्घा में उपस्थित नहीं हैं.
विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि अधिकारी सदन को हल्के में ले रहे हैं. सीपी सिंह ने सवाल उठाते हुए कहा कि आसन इतना कमजोर क्यों है. क्या जनप्रतिनिधि अधिकारियों का इंतजार करेंगे. विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि अगर अधिकारी उपस्थित नहीं रहेंगे, तो हमारी बातों को गंभीरता से कैसे लिया जायेगा. इस पर स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने संसदीय कार्यमंत्री को निर्देश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि अधिकारी सदन में बजट चर्चा में उपस्थित रहें.
लॉबिन हेंब्रम ने बजट पर रघुवर सरकार में बनी स्थानीय नीति को रद्द कर नयी स्थानीय व नियोजन नीति लागू करने की मांग की. कहा कि घोषणा से काम नहीं चलेगा. धरातल पर काम होना चाहिए. कहा कि तृतीय व चतुर्थ वर्ग की नियुक्ति में स्थानीय लोगों को जगह नहीं मिलेगी तो एक बार फिर तीर चलेगा. श्री हेंब्रम ने कहा कि राज्य में जमीन माफिया हावी हैं. आदिवासी-मूलवासियों की जमीन की लूट हो रही है. राज्य में सीएनटी-एसपीटी एक्ट का सही से अनुपालन होना चाहिए. सरकार को समय सीमा निर्धारित कर स्थानीय नीति को परिभाषित करना चाहिए. आज भाषा और स्थानीय नीति के नाम पर लड़ाई हो रही है. राज्य में विस्थापन आयोग का गठन होना चाहिए.
Posted By: Sameer Oraon