रांची: चालू वित्तीय वर्ष की तुलना में खाद्य आपूर्ति विभाग के आगामी वर्ष (2022-23) के बजट में लगभग 21 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है. अगले वित्तीय वर्ष में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम व झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़े लाभुक परिवार को एक रुपये की दर से प्रतिमाह एक किलो दाल उपलब्ध करायी जायेगी. इससे राज्य के 64 लाख कार्डधारी लाभान्वित होंगे. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत दो योजनाएं संचालित हैं. पात्र गृहस्थ योजना के तहत लाभुकों को एक रुपये प्रति किलो की दर से पांच किलो खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है.
वहीं, अंत्योदय अन्न योजना के लाभुक परिवार को 35 किलोग्राम खाद्यान्न एक रुपये किलो की दर से उपलब्ध कराया जाता है. भारत सरकार ने इस अधिनियम के तहत अधिकतम 2,64,25,385 निर्धारित किया है. झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा के लाभुकों प्रतिमाह एक रुपये किलो की दर से पांच किलो खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है.
इस योजना के तहत लाभुकों की अधिकत्तम 15 लाख लक्ष्य निर्धारित किया गया है. अन्नपूर्णा योजना के तहत 49,371 लाभुकों को 10 किलोग्रामा चावल प्रति लाभुक प्रतिमाह मुफ्त में वितरित किया जाता है. वहीं, पीवीटीजी विशिष्ट जनजाति डाकिया योजना के तहत राज्य की 75,605 अति कमजोर जनजातीय समूह के परिवारों को प्रतिमाह उनके निवास स्थान तक 35 किलोग्राम चावल का पैकेट मुफ्त उपलब्ध कराया जा रहा है.
सरकार ने झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना से और पांच लाख परिवार को जोड़ने की योजना बनायी है. इसके लिए बजट में प्रावधान किया गया है. इन्हें भी एक रुपये प्रति किलो की दर से पांच किलोग्राम खाद्यान्न उपलब्ध कराया जायेगा. फिलहाल राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना से वंचित 15 लाख परिवार को इस योजना का लाभ प्रदान किया जा रहा है. सीएम सपोर्ट योजना के तहत झारखंड में पंजीकृत एवं उपयोग किये जा रहे दो पहिया वाहन के लिए पात्र परिवारों को पेट्रोल सब्सिडी के रूप में 250 रुपये प्रतिमाह की दर से भुगतान किया जा रहा है.
कुपोषण दूर करेगी दाल वितरण योजना
बजट में लगभग 21 प्रतिशत की वृद्धि हुई
खाद्य सुरक्षा योजना के तहत किया प्रावधान
वर्ष 2022-23 ~2552.58 करोड़
वर्ष 2021-22 ~2060.13 करोड़
~492.45करोड़
Posted By: Sameer Oraon