33 लाख गरीबों और किसानों को सौ यूनिट फ्री बिजली देगी झारखंड सरकार, जानें किन लोगों को मिलेगा लाभ
कल रामेश्वर उरांव ने ऊर्जा विभाग के लिए बजट में 4854.94 करोड़ रुपये का प्रावधान किया. इसमें गरीबों एवं किसानों को 100 यूनिट फ्री बिजली देने का भी प्रावधान किया गया है. इस योजना के तहत 9800 करोड़ रुपये का निवेश किया जायेगा
रांची : ऊर्जा विभाग के लिए बजट में सरकार ने 4854.94 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जो पिछले साल की तुलना में 654.94 करोड़ रुपये अधिक है. बिजली के नेटवर्क के विस्तार, एनर्जी एकाउंटिंग और प्री पेड स्मार्ट मीटरिंग के लिए केंद्र सरकार की योजना रिवैम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम(आरडीएसएस) में शामिल होने का फैसला लिया गया है.
इस योजना के तहत 9800 करोड़ रुपये का निवेश किया जायेगा. सरकार का कहना है कि प्री पेड मीटर बिजली चोरी रोकने, राजस्व की सुरक्षा एवं राजस्व वसूली में सुधार लाने में कारगर होंगे. इससे उपभोक्ता सरलता से बिजली का उपयोग एवं उपयोग की गयी बिजली का भुगतान कर सकेंगे. जितनी राशि का रिचार्ज करायेंगे, उतनी ही राशि की बिजली की खपत कर पायेंगे.
बजट में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सोलर पॉलिसी लागू की गयी है. इसके तहत सोलर पावर प्लांट लगाने पर अनुदान देने का प्रावधान किया गाय है. आगामी वर्षों में एक हजार मेगावाट बिजली सौर ऊर्जा से उत्पादित करने का लक्ष्य रखा गया है. राज्य में 400 यूनिट तक बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं को सरकार सब्सिडी भी देती है. वित्तीय वर्ष 2022-23 में उपभोक्ताओं को सब्सिडी प्रदान करने के लिए 1800 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
योजना : राज्य के लगभग 33 गरीब एवं किसान उपभोक्ताओं को मिलेगा लाभ
सरकार ने बजट में गरीबों एवं किसानों को 100 यूनिट फ्री बिजली देने की घोषणा की है. इस योजना का लाभ का राज्य के लगभग 33 गरीब एवं किसान उपभोक्ताओं को मिलेगा. जो डीएस-1 कैटगरी में आते हैं. इसमें ग्रामीण व शहरी गरीब भी आयेंगे.
राज्य में इस समय कुल बिजली के कुल उपभोक्ताओं की संख्या 51 लाख है. इसमें 33 लाख डीएस-1 कैटगरी के हैं, जिनका लोड एक से चार किलोवाट के करीब होता है और जो न्यूनतम बिजली खपत करते हैं. प्रस्ताव के अनुसार यदि उपभोक्ता 150 यूनिट खपत करता है, तो उसे केवल 50 यूनिट का ही शुल्क देना होगा. यदि कोई उपभोक्ता केवल 90 यूनिट ही बिजली खपत करता है, तो उसे केवल फिक्स्ड चार्ज 75 रुपये ही देने पड़ेंगे.
Posted By: Sameer Oraon