Jharkhand Budget Session 2021 : नियोजन नीति को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने- सामने, सदन के अंदर और बाहर भाजपा का विरोध प्रदर्शन

Jharkhand Budget Session 2021, Ranchi News, रांची : मंगलवार को सदन की कार्यवाही जैसी ही शुरू हुई विपक्ष के सदस्यों ने नियोजन नीति रद्द करने के विरोध में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. हजारीबाग से भाजपा विधायक मनीष जायसवाल वेल में ही लेट गये. इसके बाद अन्य भाजपा विधायकों ने भी विरोध करना शुरू कर दिया. हंगामे को देखते हुए स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. वहीं, दूसरे सत्र शुरू होते ही भाजपा विधायकों ने सदन का बहिष्कार कर सदन से वॉकआउट कर गये.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 2, 2021 4:16 PM
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Jharkhand Budget Session 2021, Ranchi News, रांची : झारखंड बजट सत्र 2021 के तीसरे दिन मंगलवार (2 मार्च, 2021) को भी सदन में जमकर हंगामा हुआ. राज्य की हेमंत सरकार द्वारा नियोजन नीति को रद्द करने संबंधी मुद्दों को लेकर विपक्ष का विरोध प्रदर्शन जारी रहा. वहीं, स्पीकर ने विपक्षी दलों के विधायकों के ऐसे व्यवहार को अनुचित बताया.

मंगलवार को सदन की कार्यवाही जैसी ही शुरू हुई विपक्ष के सदस्यों ने नियोजन नीति रद्द करने के विरोध में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. हजारीबाग से भाजपा विधायक मनीष जायसवाल वेल में ही लेट गये. इसके बाद अन्य भाजपा विधायकों ने भी विरोध करना शुरू कर दिया. हंगामे को देखते हुए स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. वहीं, दूसरे सत्र शुरू होते ही भाजपा विधायकों ने सदन का बहिष्कार कर सदन से वॉकआउट कर गये.

नियोजन नीति को लेकर सदन में हंगामे को लेकर सत्ता पक्ष से जेएमएम विधायक लाेबिन हेंब्रम ने हेमंत सरकार का बचाव करते हुए कहा कि पूर्व सीएम रघुवर दास द्वारा बनायी गयी नियोजन नीति से स्थानीय लोगों को लाभ की बजाए नुकसान होगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की कोशिश है कि हर हाल में यहां के लोगों के चेहरे पर खुशहाली आयी. उन्होंने विपक्ष पर सिर्फ राजनीति करने का आरोप लगाया.

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इधर, सदन में चंदनकियारी विधानसभा के भाजपा विधायक अमर बाउरी ने पूर्व सीएम रघुवर दास के कार्यकाल में बनायी गयी नियोजन नीति को पढ़ा. इस दौरान स्पीकर ने उनके कार्यस्थगन को भी अमान्य करार दे दिया गया. इससे नाराज भाजपा विधायक वेल में आकर विरोध करने लगे.

क्या है नियोजन नीति

झारखंड में नियोजन नीति के अंतर्गत अनुसूचित जिलों की ग्रुप C और D की नौकरियों में स्थानीय निवासियों की नियुक्ति का प्रावधान किया गया था. इसका आशय यह है कि वही लोग इस नौकरी के लिए आवेदन दे सकते हैं, जो इन जिलों के निवासी हैं. जबकि गैर अनुसूचित जिले के लोग यहां नौकरी के लिए आवेदन नहीं कर सकते थे. इस नीति में यह जिक्र भी था कि गैर अनुसूचित जिलों की अनुसूचित जिले के लोग आवेदन कर सकते थे.

बता दें कि राज्य में अनुसूचित जिलों के तहत रांची, खूंटी, गुमला, सिमडेगा, लोहरदगा, पश्चिमी सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला- खरसावां, लातेहार, दुमका, जामताड़ा, पाकुड़ और साहिबगंज जिला है. वहीं, गैर अनुसूचित जिले में पलामू, गढ़वा, चतरा, हजारीबाग, रामगढ़, कोडरमा, गिरिडीह, बोकारो, धनबाद, गोड्डा और देवघर जिला शामिल है.

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Posted By : Samir Ranjan.

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