Jharkhand Budget Session 2025: रांची, सुनील चौधरी-झारखंड सरकार खनिज धारित भूमि पर सेस की दर बढ़ाने जा रही है. बजट सत्र में इससे संबंधित अधिनियम का संशोधित प्रस्ताव आयेगा. इसकी तैयारी खान विभाग द्वारा पूरी कर ली गयी है. सूत्रों ने बताया कि झारखंड खनिज धारित भूमि उपकर विधेयक-2024 राज्य में 11 अक्तूबर से लागू है, पर जब दर की समीक्षा की गयी तो पाया गया कि अन्य खनिज बहुल राज्यों की तुलना में झारखंड में दर काफी कम है. जिसमें अब संशोधन किया गया है.
लगभग 12.5 प्रतिशत दर बढ़ाने की तैयारी
लगभग 12.5 प्रतिशत दर बढ़ाने की तैयारी है. विभाग द्वारा खनिज धारित भूमि पर सेस से ही वित्तीय वर्ष 2025-26 में 15 हजार करोड़ रुपये से अधिक वसूलने का लक्ष्य रखा जा रहा है. हालांकि खान विभाग ने रॉयल्टी से इस वित्तीय वर्ष में 16 हजार करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा है. इसमें आठ हजार करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी है. विभाग का मानना है कि रॉयल्टी और सेस मिलाकर अगले वित्तीय वर्ष में करीब 35 हजार करोड़ रुपये सरकार को प्राप्त होंगे. यही वजह है कि सेस में दर बढ़ाने के प्रस्ताव को अंतिम रूप देने की तैयारी चल रही है. फिर इसे विधानसभा में पेश किया जायेगा. विधानसभा में मंजूरी मिलने के बाद इसे अगले वित्तीय वर्ष से लागू करने की योजना है.
क्या है वर्तमान दर
राज्य सरकार द्वारा कोयला व लौह अयस्क धारित भूमि पर 100 रुपये प्रति मीट्रिक टन की दर से सेस लिया जाता है. वहीं बॉक्साइट धारित पर 70 रुपये तथा लाइम स्टोन धारित भूमि पर 50 रुपये प्रति मीट्रिक टन की दर से वसूली होती है. मैंगनीज अयस्क धारित भूमि पर 50 रुपये प्रति मीट्रिक टन की दर से सेस की वसूली होती है. अन्य खनिज धारित भूमि पर प्रति टन खनिज के प्रेषण पर दी गयी रॉयल्टी का 50 प्रतिशत राशि की वसूली होती है. इसमें 12.5 प्रतिशत बढ़ोतरी की योजना है.
907 करोड़ रुपये मिल चुके हैं सेस से
राज्य सरकार को खनिजों पर सेस से अक्तूबर 2024 से लेकर 10 फरवरी 2025 तक 907 करोड़ रुपये मिल चुके हैं. सरकार द्वारा इस वित्तीय वर्ष में सेस से ही 3500 करोड़ रुपये वसूली का लक्ष्य रखा गया है.
ये भी पढ़ें: परीक्षा पे चर्चा 2025: PM Modi की पाठशाला में शामिल हुआ खूंटी का सूरज मुंडा, प्रधानमंत्री ने छात्रों को दिए गुरुमंत्र