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विधानसभा में गूंजा दिल्ली शराब घोटाला का मामला, बीजपी बोली- झारखंड में भी हुआ ऐसा, सरकार ने कहा- आरोप तथ्यहीन

विधायक श्री नारायण का कहना था कि शराब की बिक्री से इस वर्ष 15 फरवरी तक 1607 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है. जबकि, 25 सौ करोड़ का लक्ष्य रखा गया था

झारखंड विधानसभा में शुक्रवार को शराब में घोटाले का आरोप लगा. सदन में विपक्ष का कहना था कि शराब बिक्री में बड़ा खेल हुआ है. घोटाले हुए हैं. इसकी सीबीआइ जांच हो. वहीं सरकार का कहना था कि इसमें कोई तथ्य नहीं है. सरकार ने पूरी पारदर्शीता के साथ निर्णय लिये हैं. पहली पाली में भाजपा के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने अल्पसूचित के तहत यह मामला उठाया.

विधायक श्री नारायण का कहना था कि शराब की बिक्री से इस वर्ष 15 फरवरी तक 1607 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है. जबकि, 25 सौ करोड़ का लक्ष्य रखा गया था. यह सरकार जल, जंगल, जमीन और स्थानीयता की बात करती है. छत्तीसगढ़ की एक कंपनी को काम दिया गया. राजस्व पर्षद ने आठ बिंदुओं पर आपत्ति जतायी.

राज्यपाल ने उत्पाद नीति का विधेयक वापस कर दिया. दिल्ली की तर्ज पर झारखंड में भी घोटाला हुआ है. दिल्ली में मंत्री मनीष सिसोदिया जेल के सलाखों के पीछे हैं. यहां घोटाले का किंगपिन कौन है? इसकी सीबीआइ जांच होनी चाहिए. उत्पाद मंत्री जगरनाथ महतो के बीमार होने की वजह से प्रभारी मंत्री मिथलेश ठाकुर जवाब दे रहे थे. मंत्री श्री ठाकुर ने कहा कि इनलोगों को बात घुमा-फिरा के कहने की आदत है.

रिकॉर्ड राजस्व हासिल हुआ है. वर्ष 2019-20 में दो हजार नौ करोड़ का राजस्व मिला. अभी 19 सौ करोड़ पहुंच चुके हैं. अब तक का सर्वाधिक राजस्व है. नियमावली को लेकर जो आपत्ति थी, उसे दूर कर लिया गया था. राज्यपाल ने जो आपत्ति जतायी है, उसे भी दूर करने की प्रक्रिया चल रही है. कोई घोटाला नहीं हुआ है, तथ्यहीन बातें कर रहे हैं. विधायक श्री नारायण ने कहा कि मंत्री बतायें, क्या होलोग्राम निजी कंपनी ने नहीं बनाया था.

पानी मिलाकर बोटलिंग हो रही थी. 44 करोड़ की बैंक गारंटी जब्त कर ली गयी. वहीं, कई कंपनियों ने कोई बैंक गारंटी नहीं दी थी. विधायक सरयू राय का कहना था कि विभाग यह बताने की कृपा करेगा कि क्या राजस्व का लक्ष्य 2500 करोड़ से घटा कर 2000 हजार करोड़ नहीं किया गया है. इस पर मंत्री श्री ठाकुर ने कहा : मेरे संज्ञान में नहीं है. कंपनी पर पेनाल्टी जरूर लगाया गया है. इधर, भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही का कहना था कि मामला गंभीर है. विधानसभा की विशेष कमेटी से जांच कर ली जाये. मंत्री श्री ठाकुर ने कहा कि तथ्य दें, बाहर की बातों का हम यहां जवाब नहीं देंगे. सबूत दें, तो जांच भी करा देंगे.

सरकारी कर्मियों को कैशलेस स्वास्थ्य बीमा सुविधा

राज्य के तृतीय व चतुर्थ वर्ग के कर्मियों को कैशलेस स्वास्थ्य बीमा की सुविधा मिलेगी. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने माले विधायक विनोद सिंह के सवाल पर सदन में इसकी घोषणा की. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार अपने कर्मियों को लेकर चिंतित है. प्रस्ताव वित्त और कार्मिक विभाग को भेजा गया है.

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