रांची : झारखंड में दुमका और बेरमो दो सीटों के लिए होने वाले चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है़ यूपीए-एनडीए के बीच राजनीतिक बिसात बिछ रही है़ तीन नवंबर को होने वाले उपचुनाव को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने शिबू सोरेन के छोटे बेटे और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के छोटे भाई बसंत सोरेन को उम्मीदवार बनाया है.
बसंत सोरेन 12 अक्तूबर को नामांकन दाखिल करेंगे. इसकी अधिकारी घोषणा गुरुवार को पार्टी के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने की. इधर एनडीए में दोनों सीटों को लेकर तस्वीर साफ हो गयी है़ आजसू ने दुमका और बेरमो दोनों ही सीटें भाजपा के लिए छोड़ दी है़.
पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री भट्टाचार्य ने कहा : दुमका गुरुजी की कर्मभूमि रही है. दुमका से ही उन्होंने संताल परगना में महाजनी प्रथा, नशाखोरी व शोषण के खिलाफ आंदोलन शुरू किया था. संताल परगना के लोगों ना सिर्फ गुरुजी को अपनाया, बल्कि पूरी तरह से जेएमएम को भी आत्मसात किया.
उन्होंने कहा : क्षेत्र के कार्यकर्ता व जनता की इच्छा थी कि हेमंत सोरेन को मिले आशीर्वाद को पुनः गुरुजी के पास ही सुरक्षित रखा जाये. इसको देखते हुए युवा मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष बसंत सोरेन को दुमका उपचुनाव को लेकर प्रत्याशी बनाया गया.
श्री भट्टाचार्य ने कहा कि बसंत सोरेन की जीत को ऐतिहासिक बनाने को लेकर झामुमो, कांग्रेस व गठबंधन में शामिल दलों के नेता प्रचार को लेकर दुमका जायेंगे. बेरमो के लिए कांग्रेस जल्द ही प्रत्याशी की घोषणा करेगी. यहां भी गठबंधन के नेता कांग्रेस प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करने को लेकर जायेंगे.
गिरिडीह के सांसद व आजसू नेता चंद्रप्रकाश चौधरी ने कहा है कि अलग-अलग चुनाव नहीं लड़ सकते़ इससे यूपीए को फायदा होगा़ आजसू ने गठबंधन धर्म निभाते हुए, सीट भाजपा के लिए छोड़ दी है़ दोनों ही सीटों पर एनडीए का उम्मीदवार होगा़.
आजसू पूरी ताकत के साथ भाजपा का साथ देगी़ उधर झामुमो के प्रत्याशी घोषित करने के बाद यह तय हो गया है कि बेरमो से कांग्रेस अपना उम्मीदवार देगी़ यूपीए महागठबंधन के तहत यह सीट से कांग्रेस के खाते में गयी है़ पार्टी केंद्रीय व प्रदेश नेतृत्व प्रत्याशी को लेकर मंथन कर रहा है़
posted by : sameer oraon