अब राज्य के गरीबों को दाल और नमक मुफ्त, झारखंड कैबिनेट का फैसला

झारखंड राज्य मंत्रिपरिषद ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जन वितरण प्रणाली के दुकानदारों को दी जानेवाली कमीशन की राशि में भी बढ़ोतरी कर दी है. पहले उन्हें 100 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से कमीशन मिलता था, जिसे बढ़ा कर अब 150 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 7, 2024 6:36 AM

रांची : झारखंड मंत्रिपरिषद ने ‘दाल वितरण योजना’ और ‘नमक वितरण योजना’ का नाम बदल दिया है. अब इनका नाम ‘मुख्यमंत्री दाल वितरण योजना’ और ‘मुख्यमंत्री नमक वितरण योजना’ कर दिया गया है. साथ ही ‘राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम‘ और ‘राज्य खाद्य सुरक्षा अधिनियम’ के दायरे में आनेवाले लोगों को एक किलो चना दाल और एक किलो नमक मुफ्त देने का फैसला लिया है. पहले इसके लिए उनसे एक-एक रुपये लिये जाते थे. कैबिनेट ने इसके लिए राशि का अतिरिक्त भार वहन करने पर भी सहमति दी है.

मंत्रिपरिषद की बैठक में धान अधिप्राप्ति के लिए करीब 1.32 अरब की रिवाॅल्विंग फंड की भी स्वीकृति पर सहमति बनी है. मंत्रिपरिषद ने यह भी फैसला लिया है कि स्वयं सहायता समूह, महिला कृषकों को कृषि संयंत्र की खरीद के लिए अब 80 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा. पहले यह अनुदान 40 से 50 प्रतिशत था, लेकिन इसमें बढ़ोतरी कर दी गयी है. इसके अलावा 13 जिलों के 2350 स्कूलों में क्षेत्रीय जनजातीय भाषा के विकास के लिए सभी जिले में प्रेरक का चयन होगा.

डीलरों का कमीशन बढ़ा, बकाया भुगतान पर भी सहमति

राज्य मंत्रिपरिषद ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जन वितरण प्रणाली के दुकानदारों को दी जानेवाली कमीशन की राशि में भी बढ़ोतरी कर दी है. पहले उन्हें 100 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से कमीशन मिलता था, जिसे बढ़ा कर अब 150 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है. इसके अलावा राज्य के जन वितरण प्रणाली के डीलरों को भारत सरकार के पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत वितरण किये गये अनाज का कमीशन नहीं मिला था. कोरोना काल में इस अनाज के ढुलाई की भी राशि नहीं दी गयी थी. इस पर मंत्रिपरिषद ने 227 करोड़ रुपये राज्य निधि से देने पर सहमति जतायी है.

समायोजित किये जायेंगे डीआरडीए कर्मी

मंत्रिपरिषद ने डीआरडीए कर्मियों के विलय पर सहमति जतायी है. उनका जिला प्रशासन में विलय किया जायेगा. इन कर्मियों को ग्रामीण विकास की योजनाओं में लगाया जायेगा. यह फैसला लिया गया है कि जिला विकास शाखा का गठन कर इन कर्मियों को समायोजित कर दिया जाये. जानकारी के मुताबिक, डीआरडीए में 380 कर्मी कार्यरत थे, लेकिन डीआरडीए बंद हो गया था. इस कारण कर्मी बेकार बैठे थे. अब इनका समायोजन हो जायेगा.

सीडीपीओ नियुक्ति के लिए उम्र सीमा में छूट

मंत्रिपरिषद ने जेपीएससी द्वारा आयोजित होनेवाली सीडीपीओ की परीक्षा में उम्र सीमा में छूट दी है. कुल 64 पदों पर नियुक्ति होनी है. इसके लिए आवेदन मंगा लिये गये थे. पहले एक अगस्त 2019 को न्यूनतम उम्र सीमा 22 वर्ष थी. अब न्यूनतम उम्र सीमा की गणना एक अगस्त 2024 से होगी और अधिकतम उम्र सीमा की गणना एक अगस्त 2019 से होगी.

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