झारखंड : कांग्रेस में मंत्री बनने की लॉबिंग तेज, राहुल की यात्रा से पहले कांग्रेस नहीं लेना चाहती जोखिम

प्रदेश नेतृत्व व केंद्रीय आलाकमान के निर्णय के बाद ही मंत्री पद तय होगा. फिलहाल पार्टी न्याय यात्रा में व्यस्त है. न्याय यात्रा का अच्छा रिस्पांस झारखंड में मिल रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 9, 2024 6:35 AM

रांची : कांग्रेस में मंत्री पद को लेकर लॉबिंग तेज है. हेमंत सोरेन सरकार में शामिल रहे कांग्रेस कोटे के मंत्री भी संशय में हैं. शपथ ग्रहण की तारीख बढ़ने के बाद इन मंत्रियों की परेशानी बढ़ी है. कांग्रेस खेमा में बदलाव के संकेत दिये जा रहे हैं. कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि अगर मंत्रियों का बदलाव नहीं करना होता, तो फिर आठ को ही शपथ ग्रहण समारोह हो जाता. मंत्री रामेश्वर उरांव, बादल पत्रलेख और बन्ना गुप्ता को लेकर अटकलें लगायी जा रही हैं. प्रदेश कांग्रेस राहुल गांधी की यात्रा से पहले किसी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहती थी. 14 को राहुल गांधी दूसरे चरण की न्याय यात्रा पर पलामू पहुंच रहे हैं. वह 15 फरवरी को झारखंड से अपनी यात्रा आगे ले जायेंगे. इस बीच पार्टी किसी तरह का खटपट नहीं चाहती थी. प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर सहित कई नेताओं ने इस मामले को लेकर राज्य सरकार पर दबाव बनाया. इसके बाद शपथ ग्रहण समारोह टला.

16 को ही जारी होगी सूची, पहले नहीं खोलेंगे पत्ता

कांग्रेस मंत्री पद को लेकर 16 फरवरी को शपथ ग्रहण समारोह के पूर्व ही पत्ता खोलेगी. मंत्रियों की सूची सुबह जारी की जायेगी. इस बाबत फिलहाल प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर भी कुछ बोलने से परहेज कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि प्रदेश नेतृत्व व केंद्रीय आलाकमान के निर्णय के बाद ही मंत्री पद तय होगा. फिलहाल पार्टी न्याय यात्रा में व्यस्त है. न्याय यात्रा का अच्छा रिस्पांस झारखंड में मिल रहा है.

Also Read: झारखंड कैबिनेट विस्तार 16 फरवरी को, बसंत के साथ झामुमो-कांग्रेस से होंगे कई नये चेहरे
अभी कुछ तय नहीं है, समय पर बता दिया जायेगा : ठाकुर

कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी राजेश ठाकुर ने कहा कि वह फिलहाल पलामू दौरे पर हैं. पार्टी का फोकस फिलहाल न्याय यात्रा पर है. सत्ता पक्ष का गठबंधन पूरी तरह एकजुट है. मंत्री पद को लेकर अभी किसी तरह की बात नहीं चल रही है. समय आने पर बता दिया जायेगा. यह पूछने पर कि क्या पुराने मंत्री बदले जायेंगे. उन्होंने कहा कि अभी कुछ तय नहीं है. निर्णय आलाकमान को लेना है.

Next Article

Exit mobile version