झारखंड कैबिनेट की बैठक आज, किन्नर को पिछड़े वर्ग की सूची में किया जायेगा शामिल
झारखंड में पिछड़े वर्ग को 14% आरक्षण है. इतना ही नहीं सामाजिक सहायता कार्यक्रम के तहत ट्रांसजेंडर को मुख्यमंत्री राज्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना का भी लाभ मिलेगा.
झारखंड में ट्रांसजेंडर/किन्नर को पिछड़े वर्ग की सूची में शामिल किया जायेगा. इससे संबंधित प्रस्ताव छह सितंबर को होने वाली कैबिनेट की बैठक में लाया जायेगा. इसके साथ ही ट्रांसजेंडर/किन्नर को पिछड़े वर्ग का मिलनेवाले आरक्षण का लाभ भी मिलेगा. अब नियुक्तियों में उन्हें भी आरक्षण का अवसर मिलेगा. झारखंड में पिछड़े वर्ग को 14% आरक्षण है. इतना ही नहीं सामाजिक सहायता कार्यक्रम के तहत ट्रांसजेंडर को मुख्यमंत्री राज्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना का भी लाभ मिलेगा. इससे संबंधित प्रस्ताव भी कैबिनेट में पेश होगा.इस योजना के तहत पेंशन के रूप में प्रतिमाह ₹1000 उन्हें मिलेंगे. वहीं कैबिनेट में कई विभागों की नियुक्ति नियमावली का प्रस्ताव भी आ सकता है. साथ ही सड़क परियोजनाओं का भी प्रस्ताव पेश किया जा सकता है.
ग्रामीण जलापूर्ति योजना के लिए 325 करोड़ की स्वीकृति मिल सकती है
कैबिनेट में राज्य के खनिज क्षेत्र में जलापूर्ति व्यवस्था के लिए पेयजल व स्वच्छता प्रमंडल धनबाद में गोविंदपुर – निरसा दक्षिण क्षेत्र और संबंधित गांव में ग्रामीण जलापूर्ति योजना के लिए 325 करोड़ की पुनरीक्षित प्रशासनिक स्वीकृति मिल सकती है. यह मुख्यमंत्री ग्रामीण जलापूर्ति योजना के अंतर्गत जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) मद में प्राप्त राशि से प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के तहत जिला फाउंडेशन ट्रस्ट न्यास परिषद समिति की ओर से अनुशंसित है. बरही ग्रामीण जलापूर्ति योजना के क्रियान्वयन के लिए 27 करोड़ की स्वीकृति मिलेगी. कैबिनेट में एचटीसी क्षेत्र में 1.498 एकड़ भूमि 10 करोड़ 71 लाख रुपये शुल्क लेकर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को कार्यालय बनाने के लिए स्थानांतरित किया जाएगा.
भर्ती और सेवा शर्त नियमावली को मिल सकती है स्वीकृति
आयुष झारखंड निदेशक के गैर संवर्गीय पद पर नियुक्ति के लिए भर्ती और सेवा शर्त नियमावली 2023 पर स्वीकृति प्रदान की जा सकती है. झारखंड राज्य वित्तरहित शैक्षणिक संस्थान अनुदान अधिनियम 2004 में संशोधन व आशुलिपिक की नियुक्ति और प्रणति नियमावली 2023 का गठन का प्रस्ताव है.महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की विभिन्न नियमावली में संशोधन और संपर्कों की नियमावली कथन से संबंधित प्रस्ताव है.
रेबीज को अधिसूचित बीमारी घोषित किया जा सकता है
कैबिनेट में झारखंड में रेबीज को अधिसूचित बीमारी घोषित किया जा सकता है.स्वास्थ्य विभाग द्वारा कैबिनेट के लिए प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जा रहा है. विभाग की ओर से महामारी रोग अधिनियम 1897 की धारा दो के तहत झारखंड महामारी रोग (रेबीज) विनियमन 2023 (द झारखंड एपिडेमिक डिजीज रेबीज रेगुलेशन 2023) बनाया गया है. ह्यूमन रेबीज एक वायरल जूनोटिक बीमारी है. यह संक्रमित कुत्ते के काटने से होती है.