झारखंड : क्रिसमस उत्सव में डूबी राजधानी, प्रभु यीशु का जन्मोत्सव मनाया गया

क्रिसमस के उत्सव पर पूरी राजधानी में रौनक छायी रही. मसीही विश्वासियों ने उमंग, उत्साह और श्रद्धाभाव से प्रभु यीशु का जन्मोत्सव मनाया. रात 12 बजे जैसे ही प्रभु यीशु का जन्म हुआ, चारों ओर उल्लास छा गया.

By Prabhat Khabar News Desk | December 25, 2023 6:33 AM
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क्रिसमस के उत्सव पर पूरी राजधानी में रौनक छायी रही. मसीही विश्वासियों ने उमंग, उत्साह और श्रद्धाभाव से प्रभु यीशु का जन्मोत्सव मनाया. रात 12 बजे जैसे ही प्रभु यीशु का जन्म हुआ, चारों ओर उल्लास छा गया. गिरजाघरों में आराधना हुई. इस मौके पर जमकर आतिशबाजी की गयी. इसके पहले रविवार की शाम में पुरुलिया रोड और अन्य मसीही बहुल इलाकों के बाजारों में अंतिम समय की खरीदारी के लिए भीड़ उमड़ पड़ी. चरनी, साज-सज्जा की सामग्री, सांता क्लॉज, रंग-बिरंगे बैलून और क्रिसमस ट्री की जमकर खरीदारी की गयी. अरसा, निमकी और केक भी मिल रहे थे. रविवार की ठंडी शाम जैसे-जैसे गहराती गयी, वैसे-वैसे क्रिसमस की गर्माहट भी बढ़ती गयी. गिरजाघर रंगबिरंगी रोशनियों से जगमगाने लगे. गिरजाघरों के सामने बनी चरनी और क्रिसमस ट्री बच्चों के बीच आकर्षण का केंद्र बने रहे. रात के दस बजते ही अर्द्धरात्रि चर्च सर्विस के लिए घंटियां बजने लगीं. चर्च सर्विस के दौरान धर्म गुरुओं ने बालक यीशु के जन्म का सुसमाचार सुनाया.

आनंद का दिन आज आया है..

संत पॉल कैथेड्रल, बहुबाजार में 24 दिसंबर की शाम में कैरोल सर्विस हुई. इसमें क्रिसमस के कई गीत गाये गये. ‘पास आओ विश्वासियों आनंद करते आओ..’, ‘हे बैतुलहम हे छोटे गांव दिखता कैसा सुनसान..’, ‘गड़ेरिये जब रात समय झुंड रक्षा करते थे..’, धन्य रात, धन्य रात..’, ‘तारे सब चमकते ऊपर आकाश में..’, ‘हे ख्रीस्त के लोग आनंदित हों..’, ‘आनंद का दिन आज आया है..’, ‘नोएल, नोएल, नोएल, नोएल, जन्मा है राजा इम्मानुएल..’, ‘आज एक बालक जन्मा है, जो संसार का राजा है..’ और ‘सुन दूत सभा गाती है बालक राजा ख्रीस्त की जय..’, का सामूहिक गान हुआ. इसके साथ ही बाइबल का पाठ भी किया गया. बाइबल पाठ करनेवालों में अपूर्वा, तिर्की, इवांजेलीन डेविड, अनीशा केरकेट्टा, सुप्रिया तिर्की, अभिषेक राहुल परधिया, अमृत आनंद धान, प्रिया नागदुआर, शुभांजलि भेंगराज शामिल थे. रेव्ह मनसिद्ध ओड़ेया ने सुसमाचार का पाठ किया.

हम सब पर प्रभु का तेज चमका है: बिशप बास्के

संत पॉल कैथेड्रल,बहुबाजार में अर्द्धरात्रि की प्रभु भोज आराधना में सीएनआइ छोटानागपुर डायसिस के बिशप बीबी बास्के ने कहा कि यशायाह ने एक बड़ा उजियाला देखा और घोषणा की कि हमारे लिए एक बालक उत्पन्न हुआ, हमें एक पुत्र दिया गया है. यह निश्चित बात थी कि बेतलहम में एक अकेले, अंधेरे, स्थिर स्थान पर एक कुंआरी स्त्री के लिए मानव शरीर में अपने बेटे के जन्म के साथ ईश्वर शैतान के अंधेरे को तोड़ देंगे. एक बाहरी व्यक्ति के रूप में देखने पर, बेतलहम की चरनी में यह बालक कितना लाचार और कमजोर दिखता है. यह सब परमेश्वर की शाश्वत योजना में था. ईश्वर ने ऊपर से किसी विजयी वीर को नहीं भेजा. वह पैदा हुए बच्चे को भेजते हैं और उन्होंने अपने बेटे को ही महान ज्योति बनने के लिए दे दिया. क्या हम अब भी अंधेरे दिनों, अंधेरे समय, अंधेरे विचारों में ही जी रहे हैं? पर हमें डरने की, भयभीत होने की, अपने पापों से, मरने से या समस्त सृष्टि में किसी भी चीज से डरने की जरूरत नहीं है. हम सब पर प्रभु का तेज चमका है. जीत हासिल हो गयी है, क्योंकि यीशु हम सबके लिए जन्मे, हम सबके लिए जीये, हम सब के लिए मरे और हम सबके लिए कब्र से उठे. स्वर्गदूत उसे वही घोषित करता है, जो वे हैं : मसीह, उद्धारकर्ता.

प्रभु के आने से संसार में प्रेम का संदेश आया : रेव्ह भेंगरा

जीइएल चर्च की पुण्य रात की आराधना क्राइस्ट चर्च, मेन रोड में हुई. इसमें रेव्ह अनूप जॉली भेंगरा ने कहा कि हम यीशु का जन्म दिवस मना रहे हैं. उनके जीवन से दुनिया में लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं, क्योंकि उनके आने से इस संसार में प्रेम का संदेश आया. जो जगत का सृष्टिकर्ता है, उसके पुत्र ने मनुष्य देहधारण किया. इसके लिए उसने एक परिवार को चुना, जो आर्थिक रूप से कमजोर था. जो माता-पिता उसने चुना, वह परमेश्वर की दृष्टि में धर्मी थे. वह इस्राइए के सबसे प्रतिष्ठित परिवार, राजा दाउद के परिवार के थे. एक ओर वह आर्थिक से निर्धन थे, पर एक प्रतिष्ठित परिवार से थे. यह बतलाता है कि निर्धन होना या बड़े परिवार का होना अर्थ नहीं रखता, पर उनका धर्मी होना मायने रखता है. परमेश्वर ने अपने बेटे को भेजा, परिवार चुना और अपने बेटे को मरियम और जोसफ को दे दिया. इसी तरह परमेश्वर ने हमारे जीवन में भी अपने आप को प्रकट किया है. जो उन्हें अपने जीवन में स्वीकार करते हैं, परमेश्वर की इच्छा को अपने जीवन में पूरा होने देते हैं, हम भी अपने जीवन में ऐसा होने दें. आराधना विधि की अगुवाई रेव्ह निशांत गुड़िया ने की. दूसरी आराधना की अगुवाई रेव्ह निशांत गुड़िया ने की. बिशप सीमांत तिर्की ने संदेश दिया.

परमेश्वर के प्रेम का परिणाम है जन्म पर्व : बिशप कुजूर

एनडब्ल्यूजीइएल चर्च की पुण्य रात की आराधना में बिशप निस्तार कुजूर ने संदेश दिया. क्राइस्ट चर्च मेन रोड में हुई धर्मविधि में उन्होंने कहा कि जन्म पर्व परमेश्वर के प्रेम का परिणाम है. परमेश्वर ने हमारे प्रति अपना प्रेम अपने पुत्र के द्वारा प्रेम प्रकट किया. क्योंकि उसके माध्यम से वह हमारे पापों को क्षमा करते हैं. हमें अपनी संतान बनाते हैं. पर हम स्वाभाविक रूप से उद्धार प्राप्त नहीं करते हैं. हम स्वाभाविक रूप से परमेश्वर की संतान नहीं हैं. यीशु के द्वारा परमेश्वर से एकात्म होने से ही हम पूर्ण रूप से उनकी संतान बनते हैं. उन्होंने कहा कि मरियम दाऊद परिवार से थी. इसलिए जिब्राइल स्वर्गदूत मरियम से कहता है कि हे मरियम, भयभीत न हो, क्योंकि परमेश्वर का अनुग्रह तुझ पर हुआ है. इसमें आराधना विधि का संचालन रेव्ह यीशु नासरी मिंज ने किया.

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