झारखंड के CBSE स्कूल एकेडमिक क्वालिटी सुधारने में करेंगे आपसी सहयोग, शुरू हो रहा हब ऑफ लर्निंग सिस्टम
झारखंड सहित देश के सीबीएसई स्कूल एक-दूसरे की शैक्षणिक व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए आपस में सहयोग करेंगे. इसके लिए सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन ने एक सिस्टम लागू की है. इसे हब ऑफ लर्निंग सिस्टम नाम दिया गया है. इस सिस्टम के तहत कई स्तर पर स्कूल एक दूसरे की मदद करेंगे.
CBSE News: झारखंड सहित देश के सीबीएसई स्कूल एक-दूसरे की शैक्षणिक व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए आपस में सहयोग करेंगे. इसके लिए सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन ने एक सिस्टम लागू की है. इस सिस्टम के तहत सीबीएसई से मान्यता प्राप्त चार से छह नजदीकी स्कूलों को शामिल किया जाएगा. इसमें स्कूल एक-दूसरे के शैक्षिक सहयोग के साथ ही शिक्षण पद्धति के समग्र विकास में योगदान देंगे.
एक सिलेबस के बाद भी रिजल्ट में अंतर को करना है कम
सीबीएसई के सभी स्कूलों में समान पाठ्यक्रम होने के बावजूद स्कूलों में शिक्षा का माहौल और रिजल्ट में बहुत अधिक अंतर होता है. इसी अंतर को कम या दूर करने के लिए सीबीएसई हर स्कूल को आपस में जोड़ रही है. नई व्यवस्था के तहत स्कूल पढ़ाई, खेल, सांस्कृतिक गतिविधियों आदि की बेस्ट प्रैक्टिसेस को एक दूसरे से साझा करेंगे. हब्स ऑफ लर्निग में ये स्कूल आपस में जुड़ेंगे तो एकेडमिक माहौल में सुधार होने के साथ ही मानव संसाधन, व्यवस्था, अधोसंरचना, टीचिंग-लर्निंग मैटीरियल आदि भी साझा कर सकेंगे.
स्कूलों को सिस्टम से जुड़ना अनिवार्य
बोर्ड के निर्देश के मुताबिक स्कूलों में लिए लर्निंग हब्स से जुड़ना अनिवार्य है. इसमें साथ मिलकर करिकुलम बनाना, कठिनाई होने पर को-टीचिंग, क्विज प्रतियोगिता, प्रोजेक्ट प्रस्तुति, कला प्रदर्शनी, को-करिकुलर व एक्स्ट्राकरिकुलर गतिविधियों में साथ शामिल होंगे. साथ मिलकर स्कूल वार्षिक पेडगॉजिकल करिकुलम तैयार कर उस पर पूरे साल अमल भी करेंगे. इससे स्कूलों में व्याप्त शिक्षण असमानता कम होगी, जिसका लाभ बच्चों को मिलेगा. सीबीएसई स्कूलों में टीचर्स ट्रेनिंग अनिवार्य होती है.
एकेडमिक सहयोग सहित कई बातों पर होगी चर्चा
बोर्ड के सिटी कॉर्डिनेटर और डीपीएस रांची के प्राचार्य डॉ राम सिंह ने बताया कि सीबीएसई बोर्ड के अनुसार हब ऑफ लर्निंग का मुख्य उद्देश्य स्कूलों में एकेडमिक कोलैबोरेशन, रिसोर्स शेयरिंग, प्रोफेशनल डेवलपमेंट ऑफ टीचर्स एंड स्टाफ है. साथ ही स्कूलों में कम्युनिटी बनाने की भावना को जगाना है. बोर्ड के अनुसार स्कूलों को हब ऑफ लर्निंग में जोड़ने का उद्देश्य स्कूलों को साझा मंच प्रदान करना है. विभिन्न गतिविधियों के लिए स्कूल एक-दूसरे का सहयोग करेंगे. जैसे स्कूलों के बीच क्विज, प्रदर्शनी और अन्य एक्टिविटी का भी आयोजन होगा. बोर्ड के अनुसार विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की शैक्षिक और स्कूल संबंधी आवश्यकताओं के क्षेत्र में एक-दूसरे का सहयोग करना भी है इसका उद्देश्य है. इस सूचना से संबंधित अधिक जानकारी सीबीएसई की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर पढ़ सकते हैं.
द रेस्पोंसिबल ए आई फॉर यूथ प्रोग्राम
द रेस्पोंसिबल ए आई फॉर यूथ प्रोग्राम की शुरुआत मिनिस्ट्री ऑफ़ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, भारत सरकार द्वारा की गई थी. अगली पीढ़ी में ए आई की तैयारी के उद्देश्य से, द रेस्पोंसिबल ए.आई फॉर यूथ प्रोग्राम के तहत YUVAi – यूथ फॉर उन्नति एंड विकास विथ ए. आई (https://innovateindia.mygov.in/yuvai/) प्रोग्राम का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें कक्षा 8वीं से 12वीं तक के विद्यार्थी भाग ले सकते हैं. इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना आवश्यक है. रजिस्ट्रेशन करने की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर 2022 है. इस सूचना से संबंधित अधिक जानकारी सीबीएसई की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर पढ़ सकते हैं.