झारखंड चैंबर भवन में हुआ कार्यशाला का आयोजन, MSME की इन योजनाओं से कराया गया अवगत
कोषाध्यक्ष ज्योति कुमारी और उप समिति चेयपर्सन माला कुजूर ने संयुक्त रूप से कहा कि ग्रामीण क्षेत्र की अधिकांश महिलाएं सीलाई, कढ़ाई, अचार-पापड़ बनाने के कार्य में ही संलग्न हैं.
रांची : लघु उद्योग से जुड़ी महिलाओं को एमएसएमई की योजनाओं के तहत लाभान्वित करने के उद्देश्य से झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स की ट्राइबल वूमन एंटरप्रिन्योर उप समिति द्वारा चैंबर भवन में कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला के दौरान उपस्थित महिलाओं को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय की जेड सर्टिफिकेशन (जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट) की योजना और इसके लाभ से अवगत कराते हुए सर्टिफिकेशन लेने की सारी प्रक्रिया से अवगत कराया गया.
कोषाध्यक्ष ज्योति कुमारी और उप समिति चेयपर्सन माला कुजूर ने संयुक्त रूप से कहा कि ग्रामीण क्षेत्र की अधिकांश महिलाएं सीलाई, कढ़ाई, अचार-पापड़ बनाने के कार्य में ही संलग्न हैं. एमएसएमई मंत्रालय की ऐसी कई आकर्षक योजनाएं हैं जिसका लाभ लेकर ऐसी महिलाएं उद्यमिता की ओर अग्रसर हो सकती हैं. एग्रीकल्चर क्षेत्र में भी कई उपकरणों की जरूरत होती है जिसकी खरीदी पर कोई सब्सिडी नहीं मिलती है किंतु जेडईडी सर्टिफिकेशन लेने से सब्सिडी का लाभ मिलेगा. जेड सर्टिफिकेशन लेने से लोन में, ट्रेन और एयर से माल ढुलाई में, इलेक्ट्रिसिटी बिल में तथा उपकरण की खरीदी पर सब्सिडी का प्रावधान है. महिलाओं के उद्योग को बढावा देने के लिए जेड सर्टिफिकेशन काफी उपयुक्त है.
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कार्यशाला में उपस्थित अधिकारियों ने कहा कि जेड प्रमाणित एमएसएमई को बैकों से कर्ज देने में वरीयता दी जाती है और वे बैंकों से प्रोसेसिंग फीस और ब्याज दरों में रियायत के पात्र होते हैं. उनकी अक्सर बेहतर क्रेडिट रेटिंग भी होती है. यह भी बताया गया कि जेड सर्टिफिकेशन में तीन लेवल ब्रांज, सिल्वर और गोल्ड एमएसएमई अपनी तैयारी के आधार पर किसी भी सर्टिफिकेशन लेवल के लिए अप्लाई कर सकते हैं. एमएसएमई मंत्रालय ने राज्य सरकारों, विभिन्न मंत्रालयों, वित्तिय संस्थानों और बैंकों को भी शामिल किया है जो ढेर सारे इंसेंटिव दे रहे हैं.
चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री ने छोटे-छोटे गृह उद्योग, कुटीर उद्योग से जुड़ी महिलाओं को जेड सर्टिफिकेशन लेने के लिए प्रेरित किया और कहा कि हम इस योजना का अधिकाधिक प्रचार प्रसार करेंगे. महिलाओं के द्वारा निर्मित उत्पाद को बेहतर मार्केट उपलब्ध कराने में भी उन्होंने हरसंभव सहयोग के लिए आश्वस्त किया. यह भी कहा कि बाजार में कम मूल्य पर बेहतर तकनीक की मशीनें उपलब्ध हैं, उन्हें लेकर महिलाएं कई तरह के उत्पादों का निर्माण कर सकती हैं. सीडबी की भी कई योजनाएं हैं जिसका लाभ महिलाओं को लेना चाहिए. महासचिव परेश गट्टानी के आग्रह पर लीडटेक मैनेजमेंट के अधिकारियों ने महिला उद्यमियों को जेड सर्टिफिकेशन लेने के लिए प्रत्येक 15 दिन अथवा एक माह में इस प्रकार के कार्यशाला के आयोजन की भी बात कही.
कार्यशाला में लीडटेक मैनेजमेंट दिल्ली के अहमद शाहनवाज, इरशाद रजा, चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री, उपाध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा, महासचिव परेश गट्टानी, कोषाध्यक्ष ज्योति कुमारी, कार्यकारिणी सदस्य राम बांगड, उप समिति चेयरपर्सन माला कुजूर, सदस्या कुडू तिर्की, लक्ष्मण लकडा, नन्हे कच्छप, सुजीत टोप्पो, स्वर्णलता देवी, विनिता देवी, लिली तिर्की, इंदरमनी देवी, सुचिता उरांव, ममता, अबन होरो, अनिल बडाइक, इजाज अहमद, अंजनी कुमारी, सुशमा केरकेट्टा, मुन्नी टोप्पो, अनिमा बाग, रष्मि खलखो, समेत कई महिला उद्यमी उपस्थित थीं.