Explainer: झारखंड मुख्यमंत्री गाड़ी योजना क्या है, कैसे करेगा ये काम? जानें डिटेल्स
कैबिनेट बैठक में कल झारखंड मुख्यमंत्री गाड़ी योजना को लागू करने का फैसला लिया गया. इसके तहत ग्रामीण इलाकों में बुजुर्ग, छात्र-छात्रा, दिव्यांग, विधवा, झारखंड आंदोलनकारी नि:शुल्क बस सेवा की सुविधा दी जायेगी. सरकार की ओर से ग्रामीण कनेक्टिविटी के लिए निजी बस ऑपरेटरों को प्रोत्साहित किया जायेगा.
रांची: झारखंड मुख्यमंत्री गाड़ी योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में बुजुर्ग, छात्र-छात्रा, दिव्यांग, विधवा, झारखंड आंदोलनकारी और एचआइवी पॉजिटिव को नि:शुल्क बस सेवा की सुविधा दी जायेगी. ग्रामीण क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को उच्चस्तरीय शिक्षा, ग्रामीणों को चिकित्सीय सुविधा, किसानों की उपज को शहर तक पहुंचाने व सुदूर क्षेत्रों को शहर से जोड़ने व नियमानुकूल परिवहन की व्यवस्था करने के लिए निर्णय लिया गया है.
सरकार की ओर से ग्रामीण कनेक्टिविटी के लिए निजी बस ऑपरेटरों को प्रोत्साहित किया जायेगा. परिवहन विभाग नोडल एजेंसी के तौर पर काम करेगा. शुरुआत में यह योजना ग्राम पंचायतों को प्रखंड से जोड़ने, नजदीकी उच्च शिक्षण व चिकित्सकीय संस्थानों, मुख्य मार्गों व नजदीक के व्यावसायिक केंद्र से जोड़ने के लिए होगी. पूर्व से निर्धारित मार्गों के अतिरिक्त नये ग्रामीण मार्ग की अधिकतम लंबाई 70 किमी होगी.
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योजना में मध्यम दर्ज के वाहनों को मिलेगा परमिट :
इस योजना के तहत वैसे हल्के और मध्यम दर्जे के व्यावसायिक चार पहिया वाहन, जिसकी क्षमता चालक को छोड़कर 42 यात्रियों को ले जाने की होगी, उन्हें परमिट व अन्य सुविधाएं दी जायेगी. इस के तहत वाहनों को अस्थायी परमिट नहीं दिया जायेगा. एक बार में पांच वर्ष या आदेश में जितने समय की अवधि दी जायेगी, वह प्रभावी होगा.
वाहनों को पहली बार परमिट देने की तिथि से पांच वर्षों की अधिकतम अवधि के लिए रोड टैक्स में छूट दी जायेगी. परमिट व निबंधन शुल्क के तौर पर सिर्फ एक रुपया लिया जायेगा. नये वाहन लेने पर अगले पांच वर्ष के लिए पांच प्रतिशत ब्याज में छूट भी दी जायेगी.