राज्य के स्कूलों में पढ़नेवाले वैसे विद्यार्थी जिनका नामांकन बिना जन्म प्रमाण लिये किया गया उन बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र बनवाया जायेगा. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने इस संबंध में सभी जिलों के जिला शिक्षा अधीक्षक को पत्र लिखा है. विभाग द्वारा जिलों को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि प्रावधान के अनुरूप राज्य के विद्यालयों में पढ़ने वाले शत-प्रतिशत विद्यार्थियों की जन्म तिथि का निबंधन होना अनिवार्य है.
विद्यालयों में नामांकन के समय सक्षम प्राधिकार द्वारा निर्गत जन्म प्रमाण पत्र देना अनिवार्य है. बिना जन्म प्रमाण पत्र के नामांकन लिया जाना नियम के विपरीत है. राज्य के अभिवंचित, अति पिछड़े एवं गरीब बच्चों को शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत शिक्षा प्रदान करने के लिए काफी संख्या में विद्यार्थियों का नामांकन बिना जन्म प्रमाण पत्र के ही ले लिया गया है.
ऐसे में संबंधित विद्यालयों के प्रधानाध्यापक की यह जिम्मेदारी होगी कि वे बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र बनवाना सुनिश्चित करें. जिन बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र नहीं बना है, उसकी पूरी जानकारी निबंधक को उपलब्ध कराने को कहा गया है. प्रमाण पत्र बच्चों के अभिभावक को उपलब्ध कराने को कहा गया है.
शिक्षा विभाग ने जन्म प्रमाण पत्र से होनेवाले लाभ के बारे में भी अभिभावकों को जानकारी देने का निर्देश दिया है. इसके लिए जागरूकता अभियान चलाने को कहा गया है. इसके लिए अभियान चला कर विद्यालय में पढ़नेवाले बच्चों के अभिभावक को जन्म प्रमाण पत्र के महत्व के बारे में जानकारी देने को कहा गया है. इसके लिए संबंधित विद्यालय के शिक्षकों की मदद लेने को कहा गया है.
जिलों को निर्देश दिया गया है कि 15 दिनों के अंदर बच्चों की जानकारी निबंधक को उपलब्ध करायें. एक माह के अंदर जन्म प्रमाण पत्र अभिभावकों को उपलब्ध कराने को कहा गया है. इससे संबंधित रिपोर्ट स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को भी देने को कहा गया है.
Posted By : Sameer Oraon