Jharkhand Chunav 2024: चुनाव आयोग ने JMM के आरोपों को बताया निराधार, कहा- मात्र 3 फीसदी मतदान केंद्रों पर अलग समय
Jharkhand Chunav 2024: चुनाव आयोग ने झामुमो के आरोपों का जवाब दिया है. उन्होंने कहा है कि सिर्फ तीन प्रतिशत केंद्रों पर वोटिंग का समय शाम चार बजे तक है. इससे पहले ऐसे मतदान केंद्रों की संख्या अधिक होती थी.
Jharkhand Chunav 2024, रांची : चुनाव आयोग ने झामुमो नेता द्वारा शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के मतदान केंद्रों पर अलग-अलग समय निर्धारित करने के सिलसिले में लगाये गये आरोपों को निराधार बताया है. आयोग सूत्रों के अनुसार, विधानसभा चुनाव 2024 के दौरान उग्रवाद प्रभावित 981 मतदान केंद्रों पर ही वोटिंग का समय सुबह सात बजे से चार बजे तक के लिए निर्धारित किया गया है. यह कुल मतदान केंद्रों की संख्या का सिर्फ तीन प्रतिशत है.
सिर्फ तीन प्रतिशत केंद्रों पर वोटिंग का समय शाम चार बजे तक
राज्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने बताया कि राज्य में कुल 29,562 मतदान केंद्र हैं. इसमें से ग्रामीण क्षेत्रों में 24,520 और शहरी क्षेत्र में 5,042 मतदान केंद्र हैं. सिर्फ तीन प्रतिशत यानी 981 उग्रवाद प्रभावित मतदान केंद्रों पर वोटिंग का समय सुबह सात से शाम चार बजे तक तय है. इस तरह ग्रामीण क्षेत्र के 23,539 मतदान केंद्रों पर वोटिंग समय सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक है. 2024 से पहले ऐसे मतदान केंद्रों की संख्या अधिक हुआ करती थी, जिन पर वोटिंग का समय शहरी क्षेत्र के मुकाबले कम होता था.
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साल 2019 के चुनाव में 63 फीसदी मतदान केंद्रों पर सुबह सात से शाम 3 बजे का समय
2014 में 89% और 2019 में 63% मतदान केंद्रों पर वोटिंग का समय सुबह सात बजे से अपराह्न तीन बजे तक निर्धारित था. 2014 के विधानसभा चुनाव में 22,132 और 2019 के चुनाव में 18,555 मतदान केंद्रों पर सात बजे से तीन बजे तक ही मतदान का समय निर्धारित किया गया था. आयोग के प्रयास की वजह से 2024 के चुनाव में सिर्फ 981 मतदान केंद्रों पर सुबह सात बजे से शाम के चार बजे तक वोटिंग का समय निर्धारित किया गया है. लेकिन कतार में खड़े हर व्यक्ति को वोट देने का समय मिलता है, चाहे समय जो भी निर्धारित हो.
मतदान का समय निर्धारित करने का है अधिकार
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 56 में चुनाव आयोग के पास मतदान का समय निर्धारित करने का कानूनी अधिकार है. वोटिंग का समय आठ घंटे से कम नहीं हो सकता है. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की समस्या को देखते हुए ऐसा समय निर्धारित किया जाता है, जिससे पोलिंग पार्टी सूरज डूबने से पहले अपना काम खत्म कर लौट सके. ऐसे मतदान केंद्रों पर वोटिंग का समय आम मतदान केंद्रों से थोड़ा कम होता है.