Jharkhand Chunav 2024 : इन दो नेताओं ने लगातार हार के बाद भी नहीं छोड़ा मैदान, एक तो 23 साल बाद जीत दर्ज की

Jharkhand Chunav 2024 : भेड़ा सिंह और समरी लाल दो ऐसे नेता हैं जिन्होंने लगातार हार मिलने के बाद भी मैदान नहीं छोड़ा और जीत दर्ज की. भेड़ा सिंह 23 साल बाद भाकपा के टिकट पर चुनाव जीते. जबकि समरी लाल 29 साल चुनाव जीता.

By Sameer Oraon | November 11, 2024 9:49 AM
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मनोज सिंह, रांची, Jharkhand Chunav 2024: झारखंड की राजनीति में कई ऐसे नेता हैं, जिसने कई बार हारने के बाद भी मैदान नहीं छोड़ा. लड़ते-लड़ते जनता का विश्वास जीता. बाद में जनता ने उन्हें अपना प्रतिनिधि भी बनाया. इनमें कांके से पिछली बार चुनाव जीतने वाले समरी लाल और रामगढ़ से 2000 में जीतने वाले शब्बीर अहमद उर्फ भेड़ा सिंह शामिल हैं. भेड़ा सिंह अब इस दुनिया में नहीं हैं. वह विधायक बने तो जरूर, लेकिन अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाये.

भेड़ा सिंह 2000 में जीते थे रामगढ़ से चुनाव

भेड़ा सिंह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के टिकट पर 2000 में रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीते थे. पहली बार भेड़ा सिंह 1977 से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के बैनर चुनाव लड़े. इसमें जनता पार्टी के विश्वनाथ चौधरी को 14679 तथा भेड़ा सिंह को 7648 मत मिले. इसके बाद वह लगातार 2000 तक सीपीआइ के टिकट से ही चुनाव लड़ते रहे. 1980 में वह 9886 मतों के अंतर से हारे. वर्ष 2000 में हुए चुनाव में वह 12586 मतों के अंतर से जीते थे. वह सिर्फ छह माह ही विधायक रहे. 12 सितंबर 2000 को हृदय गति रुकने से उनका निधन हो गया. वह अंत तक अपने दल में बने रहे. बाद में हुए उपचुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े. उन्होंने भेड़ा सिंह की पत्नी नादिरा बेगम को हरा दिया.

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1990 से चुनाव लड़ रहे थे समरी लाल, 2019 में जीते

कांके विधानसभा सीट से समरी लाल 29 साल तक चुनाव लड़ते रहे. 1990 से समरी लाल ने चुनाव लड़ना शुरू किया था. 2019 के चुनाव में कांके की जनता ने उनको अपना प्रतिनिधि चुना. इस वर्ष भारतीय जनता पार्टी ने श्री लाल को टिकट नहीं दिया है. श्री लाल भाजपा से पहले कई राजनीतिक दलों से अपना किस्मत आजमा चुके थे. 1990 में समरी लाल पहली बार जनता दल के टिकट से चुनाव लड़े थे. केवल 2014 में वह चुनाव नहीं लड़े. 2019 में भाजपा ने उनको टिकट दिया और वह विधायक बनें.

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