Jharkhand Chunav, रांची: प्रभात खबर कार्यालय में शुक्रवार को हटिया विस क्षेत्र के दो प्रत्याशी अजय नाथ शाहदेव और नवीन जायसवाल मौजूद थे. दोनों आपस में अच्छे मित्र भी हैं. चुनावी मैदान में भी दो बार भिड़ चुके हैं और अब तीसरी बार आमने-सामने हैं. इस मौके पर दोनों प्रत्याशियों ने चुनाव के बाद हटिया के लोगों की उम्मीदों पर कितना खरा उतरेंगे. अब तक क्या किया? जनता आपको क्यों चुने.. आदि सवालों का जवाब दिया. आगे की योजना के बारे में भी बताया. व्यक्तिगत टीका टिप्पणी से बचकर एक दायरे में रहकर चुनाव लड़ने का वादा भी किया.
हटिया विधायक नवीन जायसवाल से सवाल-जवाब
Q. आप तीन बार से हटिया के विधायक रहे हैं, क्या उल्लेखनीय काम किया?
हमारे प्रयास से रातू और नगड़ी में कस्तूरबा विद्यालय में हॉस्टल बनवाया गया. एनएच से सटे ग्रामीण इलाकों में सड़क बनवायी. हर साल 60 से 70 किमी सड़क का निर्माण कराया. ग्रामीण इलाकों में बिजली और वोल्टेज की समस्या थी. इसे दूर कराया गया. जब विधायक नहीं थे, उसी समय से उस इलाके में सक्रिय हैं. हटिया के विस्थापितों को जमीन और घर दिलवाया. 2014 से 2019 तक 500 लोगों का म्यूटेशन कराया. 2019 के बाद एक का भी म्यूटेशन नहीं हो पाया है. अब तो काम चालू तो होता है, लेकिन बंदरबाट हो जाती है. इस सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है.
Q. तीन बार आप चुनाव जीते, हर बार अजय शाहदेव के आपके सामने होते हैं. इनके खिलाफ लड़ना कितना टफ होता है?
अजय मेरे अच्छे मित्र हैं. व्यक्तिगत संबंध अलग है. मुद्दों को लेकर हम चुनावी मैदान में जाते हैं. व्यक्तिगत टीका टिप्पणी नहीं करते हैं. यह जनता को तय करना है कि विधायक कौन बनेगा. मामला केवल अजय के चुनाव लड़ने का नहीं है. मैदान में 27-28 प्रत्याशी हैं. वही मालिक होते हैं. लड़ाई अजय से नहीं है. लड़ाई रोटी, बेटी और माटी की सुरक्षा की है. 2019 में कांग्रेस, झामुमो और राजद ने कहा था कि पांच लाख नौकरी देंगे, क्या हुआ? हर घर में सरकारी नौकरी देंगे, उसका क्या हुआ? अभी जो मंइयां योजना से पैसा मिल रहा है, वह असल में शिकारी आयेगा… जाल बिछायेगा है. इससे बचना है. हमारी सरकार आयेगी, तो पहली कैबिनेट में गोगो दीदी योजना का पैसा देने का निर्णय होगा. दिसंबर माह की 11 तारीख से महिलाओं के खाते में पैसा जाने लगेगा.
Q. चर्चा थी कि आप रांची सीट से लड़ना चाहते थे, क्या सच्चाई है?
यह सही है कि पार्टी ने मुझसे रांची सीट से लड़ने के बारे में पूछा था. हमने उनको अपनी भावना से अवगत कराया था. बताया था कि जहां बोये हैं. वहीं फसल काटना चाहते हैं. इसके बाद पार्टी जो भी तय करेगी, उस पर सहमत हैं. पार्टी जहां भेजती, चले भी जाते. लेकिन, पहली प्राथमिकता हटिया सीट ही थी. क्योंकि हम यहां के लोगों के सुख-दुख के साथी रहे हैं. उनको समझते हैं. वहां की जनता मुझे समझती है.
Q. आप हुनरमंद चुनावी खिलाड़ी हैं. आजसू से जीते, जेवीएम से जीते, भाजपा से जीते, किस पार्टी से जीत आसान लगी?
चुनाव तो चुनाव होता है. कोई चुनाव आसान नहीं होता है. प्रत्याशी तो पार्टी बनाती है. चुनाव कार्यकर्ता लड़ते हैं. जनता जानताी है, किसे वोट करना है. जनता को इतनी तेज हो गयी है कि अब एक्जिट पोल भी फेल हो रहा है. प्रचार के दौरान जहां जाते हैं, वहां हमें समझ में आ जाता है कि जनता का मूड क्या है.
Q. अजय चुनावी मैदान में आपके प्रतिद्वंद्वी हैं. सार्वजनिक जीवन में वे आपके अच्छे मित्र भी है. इनको चुनाव जीतने का कोई टिप्स देंगे?
अजय भाई खुद माहिर खिलाड़ी हैं. चुनाव में अपने-अपने दल से मैदान में हैं. उनको टिप्स की क्या जरूरत है.
Q. एचइसी हर बार चुनाव का मुद्दा बनता है. फिर भी वहां के लोगों की हालत बदतर हो गयी है?
एचइसी आज का मुद्दा नहीं है. जब कांग्रेस की सरकार केंद्र में थी, उसी समय से एचइसी की स्थिति बिगड़ने लगी थी. अब हम लोग ठोस प्रयास कर रहे हैं. हम और नेता प्रतिपक्ष भारत सरकार के भारी ऊर्जा के मंत्री से मिले थे. रांची के सांसद और रक्षा मंत्री संजय सेठ भी प्रयास कर रहे हैं. बहुत जल्द एचइसी वालों को सुखद समाचार मिलेगा.
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हटिया से कांग्रेस प्रत्याशी अजय नाथ शाहदेव से सवाल-जवाब
Q. नवीन मित्र हैं, चुनाव में व्यक्तिगत रूप से हमला करते हैं, तो कैसा लगता है?
नवीन जी अपनी पार्टी के आइडियोलॉजी पर चलते हैं. मैं कांग्रेस के आइडियोलॉजी पर चलता हूं. लोगों की निष्ठा भी इसी विचारधारा पर होती है. व्यक्तिगत संबंध अलग है. इनको खून की जरूरत होगी, तो मैं दूंगा. जहां तक राजनीति की बात आयेगी, तो चुनाव जीतने के लिए एक दायरे में रह कर किसी भी हद तक जायेंगे. अच्छा काम करके भी आगे बढ़ सकते हैं.
Q. पिछले दो चुनावों से आप हार रहे हैं, कहां चूक हो रही है?
लोकतंत्र में जनता मालिक होती है. जिसे जनता चुनती है, वही चुन कर आते हैं. पहली बार चुनाव लड़ा, वह उपचुनाव था. इसके बाद 2014 में चुनाव नहीं लड़ा. फिर, 2019 में काफी कोशिश की. एक लाख लोगों ने समर्थन भी दिया. लगता है कि लोगों से कनेक्ट होने या उन तक पहुंचने में कमी रही. इस बार इसे मैंने दूर किया है. पिछले पांच साल से क्षेत्र में सक्रिय हूं. पहले ही मैंने लोगों से वादा किया था कि चुनाव जीतूं या नहीं, आपके बीच रहूंगा. विधायक नहीं रहते हुए भी लोगों की जो समस्या रही, उसे हमेशा दूर करने का प्रयास करता रहा. पिछली बार की गलतियों के लिए कोई और दोषी नहीं, इसके लिए मैं खुद दोषी हूं. लोगों को लगता है कि पोजिशन में नहीं रहते हुए भी जब इतना कर सकता है, तो पोजिशन में रह कर और काम करेगा. लोगों का विश्वास है कि मैं इस बार आउंगा.
Q. वर्तमान विधायक के काम से कितना संतुष्ट हैं. अपने क्षेत्र के लिए आप इनसे क्या अलग करेंगे.
वर्तमान विधायक के काम से लोग संतुष्ट होते, तो अपार जनसमर्थन मुझे नहीं मिलता. विधायक के कामों में रोड और नाली बुनियादी चीजें हैं. आज भी हटिया क्षेत्र में पीने का पानी बहुत लोगों को उपलब्ध नहीं है. जिस अनुपात में विकास होना चाहिए था, वह नहीं हो पाया. एयरपोर्ट के पीछे की लोगों की समस्या जस की तस है. मुझे जनता ने आशीर्वाद दिया होता, तो कम से कम दो सरकारी विद्यालयों को चुन कर इसे मॉडल के रूप में बनाता. इसे मैं दिखाना चाहता हूं कि व्यक्तिगत रुचि लेकर भी इसे ठीक किया जा सकता है. गांव के बच्चे चौकी पर बैठ कर पढ़ते हैं. सामुदायिक भवन में रीडिंग रूम और लाइब्रेरी बनाने से युवाओं को काफी लाभ होता. मैं खुद के किये हुए कामों का सोशल ऑडिट कराने को तैयार रहूंगा. क्षेत्र में ग्राउंड वाटर को ठीक करने का काम करता. एयरपोर्ट के विस्थापितों के लिए वर्तमान विधायक ने कितने बार मुद्दे उठाये.
Q. आपकी भाजपा में जाने की बात खूब चर्चा में रही. आखिर मामला कहां बिगड़ गया?
यह पूरी तरह से अफवाह थी. यह बात आने के बाद ही मैंने इसका खंडन किया. मैं हमेशा पार्टी का सच्चा सिपाही रहा हूं.
Q. कांग्रेस में प्रत्याशी को लेकर बड़ा असमंजस की स्थिति रहती है. आपके साथ भी हुआ, चुनाव में इसका कितना नुकसान होता है?
लोगों के मन में कोई कंफ्यूजन नहीं है. इस क्षेत्र के लोग मुझे ही कांग्रेस का चेहरा मानते हैं. उनके हर मुद्दे पर मैं उनके पास जाता हूं. कांग्रेस पार्टी और इंडिया गठबंधन एकजुट है. चुनाव में लोग मुझे समर्थन दे रहे हैं.
Q. कांग्रेस में भितरघात बहुत है. हटिया में भी हो रहा है?
भितरघात की बात मैं भी सुनता हूं. लेकिन इसे कभी देखा नहीं. कांग्रेस के समर्पित कार्यकर्ता और लीडर कांग्रेस के लिए ही वोट कराते हैं. कांग्रेस के लिए ही वोट मांगते हैं. सभी लोग मिल जुल कर चुनाव लड़ते हैं. कार्यकर्ता और लीडर पार्टी के लिए हमेशा और हर समय समर्पित रहते हैं.