मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना के तहत अस्पतालों के साथ किये गये एमओयू की अवधि समाप्त हो गयी है. इस वजह से कैंसर व किडनी ट्रांसप्लांट के मरीजों का इलाज फिलहाल लटक गया है. इधर, राज्य सरकार अस्पतालों के साथ नये सिरे से एमओयू करने से पहले स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) तैयार कर रही है. फिलहाल यह मामला वित्त विभाग के पास विचाराधीन है.
चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में अब तक राज्यभर से कैंसर, किडनी ट्रांसप्लांट जैसी गंभीर बीमारी के इलाज के लिए स्वास्थ्य निदेशालय के पास 53 आवेदन आये हैं. इसमें मरीजों के इलाज के लिए 10 लाख की आर्थिक सहायता राशि प्रदान करने का आग्रह किया गया है.
राज्य सरकार ने गंभीर रोगों से ग्रसित गरीबों के इलाज में मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना के तहत आर्थिक सहायता की राशि पांच लाख से बढ़ा कर 10 लाख कर दी है. सरकार की ओर से गंभीर बीमारी के इलाज के लिए 72 अस्पतालों को सूचीबद्ध करते हुए एमओयू किया गया था. इसमें से कई अस्पतालों के एमओयू की अवधि समाप्त हो गयी है.
मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना के तहत गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीजों को सिविल सर्जन के स्तर से पांच लाख तक की सहायता राशि मिलती है. इलाज की राशि अधिक होने पर आवेदन को स्वास्थ्य निदेशालय के पास भेजा जाता है. यहां से आवेदन की स्क्रूटनी के बाद इसे विभाग के पास भेजा जाता है. मंत्री की मंजूरी मिलने के बाद मरीजों को 10 लाख तक के इलाज के लिए राशि स्वीकृत की जाती है. इलाज में 10 लाख से अधिक राशि खर्च होने की स्थिति में कैबिनेट से स्वीकृति ली जाती है.
मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना के लिए आवेदन की प्रक्रिया सरल है. इसके लिए आवेदक को अंचल अधिकारी से आय प्रमाण पत्र बनाना होता है. लगातार तीन वर्षों तक आठ लाख से कम आयवाले इस योजना का लाभ ले सकते हैं.