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हेमंत सोरेन ने की कैंसर से जूझ रही वासेपुर की अर्शी नाज की मदद

hemant orders to help cancer patient arshi naaz of waseypur in dhanbad district of jharkhand. सद्दाम हुसैन नामक व्यक्ति ने रविवार को ट्विटर पर झारखंड मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से अपील की थी कि वह अर्शी की जिंदगी बचाने में मदद करें.

रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कैंसर से जूझ रही धनबाद जिला के वासेपुर की अर्शी नाज की जिंदगी बचाने के लिए आगे आये हैं. उन्होंने धनबाद के उपायुक्त को निर्देश दिया है कि मुख्यमंत्री गंभीर रोग उपचार योजना के तहत अर्शी के इलाज की समुचित व्यवस्था की जाये.

सद्दाम हुसैन नामक व्यक्ति ने रविवार को ट्विटर पर झारखंड मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से अपील की थी कि वह अर्शी की जिंदगी बचाने में मदद करें.

सद्दाम ने ट्वीट किया था, ‘माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी एवं स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता जी, धनबाद जिला के वासेपुर, करीम गंज निवासी इसराफिल अंसारी की बेटी अर्शी नाज कैंसर से जिंदगी और मौत के बीच लड़ रही है. आखिरी उम्मीद सरकार से है, दादा आपसे विशेष आग्रह है, अर्शी नाज की मदद करने की कृपा करें.’

सद्दाम के इस ट्वीट के तीन घंटे बाद ही मुख्यमंत्री ने इस पर कार्रवाई की. श्री सोरेन ने धनबाद के डीसी को जरूरी निर्देश जारी कर दिये. यह पहला मौका नहीं है, जब किसी ने ट्विटर पर हेमंत सोरेन सोरेन से मदद मांगी हो और उन्होंने त्वरित कार्रवाई की हो. इसके पहले भी कई लोगों की वह मदद कर चुके हैं.

उल्लेखनीय है कि आर्शी के पिता इसराफिल अंसारी गरीब हैं. कैंसर जैसी बीमारी का इलाज कराना उनके वश की बात नहीं. इसलिए सद्दाम ने ट्वीट करके सीएम से मदद की गुहार लगायी. अर्शी ने भी वीडियो के जरिये मुख्यमंत्री से मदद की अपील की.

हेमंत सोरेन ने आर्शी के ट्वीट को री-ट्वीट करते हुए धनबाद के डीसी को जरूरी निर्देश जारी कर दिये. इससे पहले उन्होंने रांची के करमटोली में रहने वाली पायल कुमारी की भी मदद की थी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर प्रशासन ने चंद घंटों में ही पायल के लिए ट्राइसाइकिल की व्यवस्था कर दी.

छह साल से बिस्तर पर पड़ी पायल पढ़ना चाहती है, लेकिन परिवार लाचार था. बेटी के लिए एक व्हीलचेयर तक नहीं खरीद पा रहा था. सोशल मीडिया पर किसी ने पायल की मदद के लिए मुख्यमंत्री से अपील की. हेमंत सोरेन ने फौरन बीडीओ और सीओ को निर्देश जारी कर पायल की मदद की. आयुष्मान कार्ड के तहत उसके इलाज की व्यवस्था की गयी.

यहां बताना प्रासंगिक होगा कि हेमंत सोरेन सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं. जब भी कोई उनसे मदद की अपील करता है, वह तुरंत उस पर रिप्लाई देते हैं. लोग हेमंत सोरेन को प्यार से ‘दादा’ (बड़े भैया) बुलाते हैं. हेमंत भी अपने बड़े भाई होने का फर्ज बखूबी निभा रहे हैं.

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