झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से दायर क्रिमिनल रिट याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में शुक्रवार छह अक्तूबर को आंशिक रूप से सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने कहा कि इस याचिका में पांच डिफेक्ट है. जिसके कारण अब 11 अक्टूबर को झारखंड हाईकोर्ट में अगली सुनवाई होगी. साथ ही कोर्ट ने हेमंत सोरेन को इस याचिका में जो त्रुटियां हैं, उसे भी दूर करने का आदेश दिया. बता दें कि यह मामला चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है. प्रार्थी हेमंत सोरेन द्वारा दायर याचिका में प्रवर्तन निदेशालय के समन व उसके अधिकार को चुनाैती दी गयी है. याचिका में पीएमएलए एक्ट-2002 की धारा-50 व 63 की वैधता को चुनौती दी गयी है. कहा गया है कि उक्त धाराएं संविधान द्वारा दिये गये मौलिक अधिकार का हनन करती है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाइकोर्ट जाने की छूट दिये जाने के बाद हेमंत सोरेन ने 23 सितंबर को याचिका दायर की थी.
बता दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन और उसके अधिकार को चुनौती देनेवाली क्रिमिनल रिट याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में छह अक्टूबर को सुनवाई के लिए बुलाया गया था. इससे पहले ईडी ने पांचवां समन जारी करते हुए चार अक्टूबर को हेमंत सोरेन को रांची कार्यालय में पेश होने को कहा था. पर उनकी ओर से ईडी कार्यालय को बताया गया कि झारखंड हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गयी है. याचिका के निष्पादन तक इडी कोई कार्रवाई न करे.
Also Read: CM हेमंत बोले- आदिवासी हूं, इसीलिए लगता है बेनामी संपत्ति का आरोप, जातिगत जनगणना पर कही ये बात