मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार ने खनन कंपनियों पर बकाया 1.36 लाख करोड़ रुपये दिलाने की मांग की है. वहीं, ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ से वंचित झारखंड के करीब आठ लाख लाभुकों को उनका हक दिलवाने की मांग भी रखी है. उन्होंने कहा कि ‘नक्सल मुक्त झारखंड’ बनाने के लिए विकास कार्य और संसाधनों की जरूरत है. इसलिए केंद्र खनन कंपनियों को बकाया भुगतान का निर्देश दे. शुक्रवार को नयी दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित ‘वामपंथ उग्रवाद’ की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री सोरेन ने अपने संबोधन के दौरान उक्त मांगें रखीं.
बैठक को संबोधित करते हुए सीएम सोरेन ने कहा
नक्सल विरोधी अभियान में राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच बेहतर समन्वय हमेशा बना रहेगा. पूरी उम्मीद है कि हम मिलकर उग्रवाद के खिलाफ चल रही लड़ाई जीतेंगे. केंद्र तथा राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से उग्रवादी संगठनों के विरुद्ध कार्रवाई में अच्छी सफलता हासिल हुई है. लेकिन, जहां नक्सल कम हुआ है, वहां विकास योजनाएं चलाने के लिए संसाधनों की जरूरत है.
उग्रवाद की समाप्ति के लिए बहुआयामी कार्य योजना के तहत कार्य कर रही सरकार
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा : उग्रवाद को समाप्त करने के लिए राज्य सरकार एक बहुआयामी कार्य योजना के तहत कार्य कर रही है. शीर्ष वामपंथी नक्सली नेताओं को चिह्नित कर उनके विरुद्ध संयुक्त रूप से विशेष अभियान चलाया जा रहा है. झारखंड में उग्रवाद कम हो रहा है. केंद्र सहयोग जारी रखे. सीएम ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र जहां से नक्सल समाप्त हो रहा है, वहां तेजी से विकास योजनाएं चलाये जाने की जरूरत है. यह सही है कि राज्य में उग्रवाद की समस्या में काफी कमी आयी है, परंतु यह दोबारा न पनपे इसके लिए राज्य में केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की प्रतिनियुक्ति जारी रखने की जरूरत है. उन्होंने आइजी सीआरपीएफ का कार्यकाल कम से कम तीन वर्ष रखने की मांग भी रखी. सीएम ने सुरक्षा बलों के मनोबल को बनाये रखने के लिए पूर्व की भांति एसआरइ मद में बीमा राशि की प्रतिपूर्ति जारी रखे जाने का सुझाव दिया.
कई नक्सली संगठन प्रतिबंधित : सीएम ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा भाकपा (माओवादी) के पांच संगठनों (क्रांतिकारी किसान कमेटी, नारी मुक्ति संघ, झारखंड ए-वन ग्रुप, झारखंड सांस्कृतिक मंच, मजदूर संगठन समिति) को प्रतिबंधित किया गया है. साथ ही गुप्त रूप से उग्रवादियों का समर्थन कर रही और उग्रवाद उन्मूलन अथवा विकास में बाधा बन रही संस्थाओं पर निगरानी रखी जा रही है. उन्होंने कहा कि जनवरी 2020 से अब तक अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र सरायकेला, चाईबासा-खूंटी-रांची के सीमावर्ती क्षेत्र, बूढ़ा पहाड़, कोल्हान एवं पारसनाथ क्षेत्र में 48 सुरक्षा कैंपों स्थापना की गयी है. इन जगहों पर नक्सली घटनाओं पर रोक लगी है. सीएम ने बतया कि राज्य में जनवरी 2022 से अगस्त 2023 तक 762 उग्रवादी गिरफ्तार हो चुके हैं. 20 नक्सली पुलिस मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं. 37 ने आत्मसमर्पण किया है. नक्सलियों के आय के स्रोत को बंद करने के तमाम प्रयास किये जा रहे हैं.
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दो साल में खत्म हो जायेगी नक्सली समस्या
नयी दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अगले दो साल में देश से नक्सली समस्या को पूरी तरह खत्म हो जायेगा. शाह शुक्रवार को देश में नक्सली हिंसा को लेकर आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. बैठक में नक्सल प्रभावित राज्यों बिहार, झारखंड, ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, प बंगाल, केरल और मध्य प्रदेश के प्रतिनिधियों व वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. बैठक में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अलावा महाराष्ट्र व आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और ओडिशा, बिहार, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ मंत्री मौजूद थे. बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में नक्सली हिंसा पर रोक लगाने में सफलता मिली है. वर्ष 2005-14 के मुकाबले 2014-23 के बीच नक्सली हिंसा में 52%, सुरक्षा बलों की मौत के मामले में 72% व नागरिकों की मौत की संख्या में 68% की कमी आयी है. बैठक में केंद्रीय आदिवासी मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के महानिदेशक, राज्यों के मुख्य सचिव, डीजीपी व अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.