रांची : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछताछ शुरू कर दी है, अभी देर शाम तक लगातार आठ घंटे से भी अधिक समय से जारी है. सबसे बड़ी बात यह है कि आज झारखंड की राजधानी हिनू स्थित प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय में हेमंत सोरेन से पूछताछ की जा रही है, वह कभी झारखंड के पूर्व मंत्री और कोलिबेरा (सिमडेगा) के पूर्व विधायक एनोस एक्का आलिशान बंगला है, जिसे उन्होंने करीब 2.23 करोड़ से अधिक रकम खर्च करके बनवाई थी. हालांकि, मनी लॉन्ड्रिंग और हत्या के एक मामले में वे फिलहाल जेल बंद हैं.
स्थानीय निवासियों और सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सिमडेगा के कोलिबेरा विधानसभा क्षेत्र से झारखंड पार्टी (झापा) के पूर्व विधायक एनोस एक्का वर्ष 2006 से लेकर 2008 तक पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की सरकार में कैबिनेट मंत्री थे. नाम न छापने की शर्त पर एक स्थानीय निवासी ने बताया कि झारखंड के पूर्व मंत्री एनोस एक्का ने हिनू के पॉश इलाके में शुमार हिनू में करीब 64, 63,000 रुपये में जमीन खरीदी थी. सूत्र बताते हैं कि इसके बाद इस जमीन पर आलिशान बंगला बनाने में उन्होंने करीब 1,58,86,000 रुपये से अधिक रकम खर्च की. उनका कहना है कि एनोस एक्का ने इस बंगला को बनाने में 2.23 करोड़ रुपये खर्च किए.
सूत्रों का यह भी कहना है कि प्रवर्तन निदेशालय ने 28 सितंबर 2018 को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में एनोस एक्का के हिनू स्थित इस आलीशान बंगले के साथ ही चार अन्य अचल संपत्तियों को भी जब्त किया था. उस समय जब्त की गई अचल संपत्तियों में हिनू के बंगले के अलावा, रांची स्थित हरिओम टावर, श्रीराम रेजिडेंसी में दो फ्लैट के साथ ही सिरमटोली और ओरमांझी की जमीन भी शामिल थी. केंद्रीय जांच एजेंसी ने एनोस एक्का की इन संपत्तियों को जब्त करने के बाद सरकारी संपत्ति घोषित कर दिया और उसके बाद से ही एनोस एक्का के पुराने आलिशान बंगला में आज प्रवर्तन निदेशालय का जोनल कार्यालय का संचालन किया जा रहा है.
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प्रवर्तन निदेशालय ने समन जारी कर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गुरुवार 17 नवंबर की दोपहर करीब 12.30 बजे पूछताछ के लिए अपने उसी जोनल कार्यालय में बुलाया, जो कभी एनोस एक्का का आलिशान बंगला था. सीएम हेमंत सोरेन के साथ लगातार करीब आठ घंटे से अधिक समय से पूछताछ की जा रही है. सीएम हेमंत सोरेन अपनी काल रंग की कार से अकेले ही प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर पहुंचे. इससे पहले, उन्होंने अपने रास्ते को पुलिस बेरिकेडिंग के पास ही अपने काफिले को रुकवा दिया था.