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CMPF घोटाला मामले में झारखंड समेत इन राज्यों में CBI का छापा, कई प्रकार की गड़बड़ियों का चला पता

सीएमपीएफ से संबंधित कर्मचारी कुछ बाहरी लोगों और बैंक कर्मचारियों से मिल कर फर्जी अकाउंट बना कर उसमें पैसा ट्रांसफर करते थे. इस मामले में कुछ बैंकों के कर्मचारियों की भूमिका भी संदेहास्पद बतायी गयी

By Prabhat Khabar News Desk | February 22, 2023 7:19 AM

सीबीआइ (एसीबी) रांची ने 1.75 करोड़ रुपये के कोल माइंस प्रोविडेंट फंड आर्गेनाइजेशन (सीएमपीएफ) घोटाले में झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, ओड़िशा और महाराष्ट्र के कुल 27 ठिकानों पर छापा मारा. छापामारी के दौरान सीएमपीएफ घोटाले से जुड़े दस्तावेज सहित अन्य प्रकार की गड़बड़ी से संबंधित कागजात मिले हैं. हाल के दिनों में रांची सीबीआइ द्वारा की जानेवाली यह सबसे बड़ी छापामारी है. सीबीआइ ने 17 जनवरी को सीएमपीएफ घोटाले के सिलसिले में प्राथमिकी दर्ज की थी.

इसमें आरोप लगाया गया था कि सीएमपीएफ से संबंधित कर्मचारी कुछ बाहरी लोगों और बैंक कर्मचारियों से मिल कर फर्जी अकाउंट बना कर उसमें पैसा ट्रांसफर करते थे. इस मामले में कैनरा बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूको बैंक और ओरिएंटल बैंक ऑफ काॅमर्स के कुछ कर्मचारियों की भूमिका भी संदेहास्पद बतायी गयी. फर्जी अकाउंट बनानेवालों में रामगढ़ के लवली ब्यूटी पार्लर का नाम भी शामिल है.

सीएमपीएफ घोटाले के सिलसिले में सीबीआइ ने मंगलवार को रांची में 18 जगहों ( बरियातू, हेहल, पिस्का,इटकी,मेसरा, कोकर रोड सहित अन्य स्थानों पर) पर छापामारी की. वहीं रामगढ़ में तीन, नागपुर में एक, भुवनेश्वर में एक, उत्तर प्रदेश में एक ठिकानों के अलावा भागलपुर,आरा और सीवान के एक-एक ठिकानों पर छापा मारा. सीबीआइ ने इस प्राथमिकी में 26 लोगों को अभियुक्त बनाया है. साथ ही सभी अभियुक्तों के ठिकानों को छापेमारी के दायरे में शामिल किया है.

क्या है मामला : सीबीआइ की रांची स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने 1.75 करोड़ रुपये के प्रोविडेंट फंड घोटाले में प्राथमिकी दर्ज कर ली है. घोटाले का आरोप कोल माइंस प्रोविडेंट फंड आर्गेनाइजेशन (सीएमपीएफओ) के रिजनल ऑफिस रीजन-1 रांची के 6 अधिकारी-कर्मी व तीन निजी व्यक्ति पर लगाया गया है। इन पर गलत तरीके से फर्जी दस्तावेज के आधार पर सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) के 38 पूर्व कर्मियों के प्रोविडेंट फंड के 1.75 करोड़ रुपये की निकासी का आरोप है.

सीबीआई ने यह प्राथमिकी सीएमपीएफओ धनबाद के मुख्य निगरानी अधिकारी आरके अग्रवाल के आवेदन पर दर्ज की है. इस दौरान शिकायतकर्ता ने सत्यापन में पाया कि सीएमपीएफ, रीजन-1 रांची के 6 अधिकारियों ने रामगढ़ के निजी व्यक्ति त्रिपुरारी कुमार के साथ मिलकर 2015-18 में यह जालसाजी की. सत्यापन के दौरान यह भी जानकारी मिली कि गलत क्लेम के आधार पर सीसीएल के केडीएच प्रोजेक्ट/पुरनाडीहओसीपी के कुछ अज्ञात कर्मियों के नाम पर यह राशि निकली.

अभियुक्तों के नाम

टीआर नायक

लोकेश कुमार

सुबोध कुमार

परमेश्वर दास

जॉनसन तिग्गा

लवली ब्यूटी पार्लर

त्रिपुरारी कुमार

हरिशचंद्र महतो

एनएल रजक

अजय कुमार सिन्हा

नूतन देवी

विनोद कुमार

एसएन साहू

डीपी शुक्ला

गोपाल नायक

नरोआ भगत

सनातल सॉय

बीएन राम

एपी रजक

एसके दुबे

भुनेश्वर रविदास

मुकेश कुमार

एसएन साह

एसके लाल

सहारा यूनिवर्सल

विनोद कुमार सिंह

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