Jharkhand News: मनोज सिंह, रांची : भारत सरकार के निर्देश के बाद अब 99 कोयला खदानों की नीलामी होगी. सबसे अधिक ओड़िशा की 23 कोयला खदानों को नीलामी के लिए सूचीबद्ध किया गया है. झारखंड की 19 खदानों की नीलामी होगी. कोयला मंत्रालय ने इसकी सूची जारी की है. इसमें झारखंड की अधिकांश खदानों से बहुत कोयले की निकासी की गयी है. कोल माइंस स्पेशल प्रोविजन एक्ट के तहत 35 खदानों की नीलामी होगी.
वहीं, शेष खदानों की नीलामी माइंस एंड मिनरल डेवलपमेंट (एमएमडीआर) एक्ट के तहत होगी. 20 खदान छत्तीसगढ़, 18 मध्य प्रदेश और नौ महाराष्ट्र के साथ-साथ प बंगाल की चार, तेलंगाना की तीन, आंध्र प्रदेश की दो और बिहार की एक कोयला खदान नीलामी में शामिल है.
यह चौथे चरण की नीलामी प्रक्रिया है.भारत सरकार ने कोल माइंस एक्ट में बदलाव किया है. पहले कोयला खदान चलाने का अधिकार केवल सरकारी या सार्वजनिक उपक्रम की कंपनियों को था. इसके अतिरिक्त जिनका कैप्टिव पावर प्लांट है, वे कोयला निकाल सकते हैं. नये एक्ट में निजी कंपनी कोयला निकाल कर बेच सकती हैं. कई खदानों को चिह्नित किया गया है.
आधुनिक पावर को मिला झारखंड का लालगढ़: कोयला मंत्रालय ने दो और कोयला खदानों की नीलमी की है़ इनमें झारखंड की लालगढ़ (उत्तर) खदान भी शामिल है. इससे 213 करोड़ रुपये राजस्व मिलने की उम्मीद है. यह खदान आधुनिक पावर एंड नेचुरल रिसोर्सेज को मिला है. यह 27 मीट्रिक टन का खदान है. इससे प्रति वर्ष एक मीट्रिक टन कोयला निकाला जा सकता है. दूसरी खदान मध्य प्रदेश की है. अब तक 30 खानों की व्यावसायिक रूप से नीलामी की जा चुकी है. इनसे 8158 करोड़ रुपये का राजस्व उत्पन्न होने की संभावना है. इससे करीब 85406 लोगों को रोजगार मिलेगा.
झारखंड की इन खदानों की बोली लगेगी : चितरपुर, चोरियाटांड़ तिलैया, जयनगर, लातेहार, नॉर्थ डाडू, पटेल इस्ट, राबोडीह ओसीपी, सेरेगाथा, सीतानाला, बरवाटोली, बिंजा, धुलिया नार्थ, दिग्धी धर्मपुर नार्थ, दिग्धी धर्मपुर साउथ, गावा, गोमापहाड़ी सिलुबाना, मौसींघा, पिरापंती बाराहाट.
Posted by: Pritish Sahay