झारखंड : अब कोयला कर्मियों की बेटियां भी मानी जायेंगी आश्रित, मिलेगी नौकरी
झारखंड के मजदूर यूनियनों के प्रतिनिधियों ने कहा कि इससे माता-पिता कोल इंडिया कर्मी के आश्रित के रूप में मेडिकल सुविधा नहीं ले पाते हैं. यह राशि बहुत ही कम है. इसको बढ़ाये जाने की जरूरत है.
रांची : कोल इंडिया स्टैंडराइजेशन कमेटी ने तय किया है कि अब बेटियां भी कर्मी की आश्रित मानी जायेंगी. उनको हर रूप में अनुकंपा पर नौकरी का दावा करने का अधिकार होगा. पहले कोल इंडिया की कंपनियों में केवल बेटों को लाइव रोस्टर में रखा जाता था. अब तय किया गया कि अगर बेटी शादीशुदा हो, विधवा हो, तलाकशुदा हो तो, वह भी आश्रित के रूप में पिता या माता की मौत के बाद नौकरी का दावा कर सकती है. स्टैंडराइजेशन कमेटी की बैठक मंगलवार को जैसलमेर में हुई. इसकी अध्यक्ष कोल इंडिया के निदेशक कार्मिक विनय रंजन ने की. बैठक में सभी एरिया के निदेशक कार्मिक ने हिस्सा लिया.
बैठक में भारत भ्रमण के लिए मिलनेवाली राशि वेतन समझौता तय होने की तिथि से देने का निर्णय हुआ. पहले यह आदेश की तिथि से बढ़ी हुई राशि देने का निर्णय हुआ था. पहले एक कर्मी को भारत भ्रमण पर आठ और 10 हजार रुपये मिलते थे. इसे बढ़ाकर 15 हजार रुपये कर दिया गया है. समझौते की तिथि से लागू होने से जिन कर्मियों ने घटी हुई राशि ली है, उनको फायदा हो जायेगा.
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मेडिकल सुविधा पर भी हुई चर्चा
बैठक में 10 हजार रुपये से अधिक पेंशन पाने वाले माता-पाता को मेडिकल सुविधा नहीं मिलने का मामला उठाया गया. मजदूर यूनियनों के प्रतिनिधियों ने कहा कि इससे माता-पिता कोल इंडिया कर्मी के आश्रित के रूप में मेडिकल सुविधा नहीं ले पाते हैं. यह राशि बहुत ही कम है. इसको बढ़ाये जाने की जरूरत है. यह राशि कैटगरी-एक के वेतन के बराबर होना चाहिए. यह अगली बैठक में तय होगी. बैठक में तकनीकी कर्मियों को प्रमोशन देने का मामला उठाया गया. इस पर अगली मीटिंग में रिपोर्ट के साथ आने का आग्रह प्रबंधन से किया गया. बैठक में एचएमएस से शिवकुमार यादव, नाथूलाल पांडेय, सीटू से डीडी रामानंदन, एटक से हरिद्वार सिंह, बीएमएस से सुधीर धुर्डे मौजूद थे.