झारखंड कांग्रेस के पूर्व प्रभारी अविनाश पांडेय ने पार्टी को दिया ये सुझाव, प्रदेश अध्यक्ष पर कही बड़ी बात

अविनाश पांडेय ने कहा कि झारखंड एक ऐसा प्रदेश है, जहां जातिवाद अन्य राज्यों की तरह हावी नहीं है. यह प्रदेश अपनी अलग भावना रखता है. सवाल यह नहीं है कि नेतृत्व ओबीसी का हो या फिर आदिवासी समुदाय का हो.

By Prabhat Khabar News Desk | December 26, 2023 2:05 AM

रांची : प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रभारी अविनाश पांडेय ने कहा है कि प्रदेश नेतृत्व को अपनी विश्वसनीयता बढ़ाने की जरूरत है. यह मेरा सकारात्मक सुझाव है कि प्रदेश नेतृत्व थोड़ा कार्यकर्ता और जनता के बीच अपनों को विश्वसनीय बनाये. उत्तर प्रदेश के वर्तमान प्रभारी व झारखंड के पूर्व प्रभारी श्री पांडेय प्रभात खबर से बातचीत कर रहे थे. यह पूछे जाने पर कि वर्तमान प्रदेश नेतृत्व के बारे में क्या कहेंगे. श्री पांडेय ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने बेहतर काम किया है. अपनी क्षमता के अनुरूप सबको साथ लेकर चलने का प्रयास किया. केंद्रीय नेतृत्व ने जो टास्क दिया, उसे पूरा करने में जोर लगाया था.

यह पूछे जाने पर कि प्रदेश में नेतृत्व को लेकर तरह-तरह की चर्चा होती है, कोई ओबीसी प्रदेश अध्यक्ष, तो कोई आदिवासी नेतृत्व की मांग करता है, श्री पांडेय ने कहा कि झारखंड एक ऐसा प्रदेश है, जहां जातिवाद अन्य राज्यों की तरह हावी नहीं है. यह प्रदेश अपनी अलग भावना रखता है. सवाल यह नहीं है कि नेतृत्व ओबीसी का हो या फिर आदिवासी समुदाय का हो. झारखंड की नब्ज समझने और उसकी भावना पर काम करनेवाला नेतृत्व चाहिए. ऐसा नेतृत्व होना चाहिए, जो ईमानदारी से काम करे. कार्यकर्ताओं के बीच संतुलन बना कर चले और हर समुदाय को साथ लेकर चलनेवाला हो. नेतृत्व वैचारिक रूप से मजबूत होना चाहिए.

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यह पूछे जाने पर कि अपने कार्यकाल में संगठन में कौन-कौन से कमियां हैं, जिसे आप दूर करना चाहते थे. श्री पांडेय ने कहा कि झारखंड में जमीनी स्तर पर कार्यकर्ता ईमानदारी से काम कर रहे हैं. झारखंड में कार्यकर्ताओं में कांग्रेस का डीएनए है. इस राज्य में कांग्रेस की बहुत संभावना है. राज्य में कभी-कभी नेतृत्व व राजनीतिक अस्थिरता के कारण संगठन में थोड़ी कमजोरी रही है. इसे ठीक किया जा सकता है. यह पूछे जाने पर कि मंत्रियों के कामकाज को किस रूप में देखते हैं. प्रभारी श्री पांडेय ने कहा कि मंत्रियाें को समझना चाहिए कि संगठन ने मौका दिया है.

अपने काम से वह अच्छा नेतृत्व दे सकते हैं. लंबी राजनीति करने के लिए जनता से जुड़कर काम करना चाहिए. कार्यकर्ताओं की भावना भी समझने की जरूरत है. मंत्रियों को सुलभ रहना चाहिए. प्रभारी श्री पांडेय ने कहा कि झारखंड के प्रभारी के तौर पर उनका अनुभव बहुत ही बेहतर रहा. नेताओं व कार्यकर्ताओं का सहयोग मिला. झारखंड के लोग सभ्य व भावुक हैं. इस जंगल प्रदेश में रहनेवाले लोग निर्भीक हैं.

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