धीरज साहू आए सामने, इनकम टैक्स के छापों पर बोले- शर्मिंदा हूं, 35 साल की राजनीति में पहली बार हुआ ऐसा
धीरज प्रसाद साहू ने कहा- परिवार संयुक्त परिवार है. छह भाई और उनके बच्चे हैं. मैं केवल राजनीति पर ध्यान देता हूं, व्यवसाय मेरे परिवार के सदस्य देखते हैं. मैं बस कभी-कभार बिजनेस के बारे में पूछ लेता हूं. बलदेव साहू-शिव प्रसाद साहू एंड संस और रितेश साहू नमक फर्म हमारे रिश्तेदार का है.
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू से जुड़े व्यापारिक समूह के झारखंड और ओडिशा स्थित विभिन्न ठिकानों पर आयकर की छापेमारी में करोड़ों रुपये नगद बरामद हुए हैं. शुक्रवार को एक साक्षात्कार के दौरान सांसद श्री साहू ने पहली बार मीडिया के सामने इस मामले में अपना पक्ष रखा है. उन्होंने कहा कि आयकर द्वारा बरामद पैसा उनके परिवार से संबंधित व्यवसाय का है. इसका कांग्रेस या किसी अन्य राजनीतिक दल से कोई लेना-देना नहीं है. वहीं, बरामद पैसों के ‘काला धन’ होने के भाजपा के दावों पर श्री साहू ने कहा कि यह आयकर विभाग तय करेगा. समय आने पर सारी चीजें स्पष्ट हो जायेंगी. सांसद श्री साहू ने कहा- यूं तो मैं वर्ष 1977 में ही राजनीति में आ गया था, लेकिन सक्रिय राजनीति में 30-35 वर्षों से हूं. मेरे बड़े भाई शिव प्रसाद साहू दो बार रांची के सांसद रहे. मेरे पिता स्व बलदेव साहू बड़े समाजसेवी थे. उन्होंने हमेशा गरीबों की मदद की. हमारे परिवार ने रांची, लोहरदगा और ओडिशा में कई विकास कार्य किये. कई स्कूल और कॉलेज खोले. मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि जो पैसा पकड़ा गया है, वह मेरे परिवार से जुड़े फर्म का है. हमारा परिवार करीबन 100 वर्ष से ज्यादा समय से शराब का कारोबार चला रहा है. इस दौरान हमने सरकार को काफी रेवेन्यू भी दिया है. इसके बावजूद आयकर की छापेमारी की यह घटना पहली बार मेरे साथ हुई, जिससे दिल में गहरी चोट पहुंची है. तब मैं दिल्ली में था. उस समय भी मैं मीडिया के समक्ष अपनी बात रखना चाहता था, लेकिन शर्म से सामने नहीं आया.
हमारा कारोबार पूरी तरह पारदर्शी, परिवार वाले देंगे हिसाब
सांसद धीरज प्रसाद साहू ने कहा- परिवार संयुक्त परिवार है. छह भाई और उनके बच्चे हैं. मैं केवल राजनीति पर ध्यान देता हूं, व्यवसाय मेरे परिवार के सदस्य देखते हैं. मैं बस कभी-कभार बिजनेस के बारे में पूछ लेता हूं. बलदेव साहू-शिव प्रसाद साहू एंड संस और रितेश साहू नमक फर्म हमारे रिश्तेदार का है. हमारा शराब बनाने का व्यवसाय है और यह पूरी तरह से पारदर्शी है. चूंकि शराब का पूरा कारोबार नगद पैसों से चलता है. इसलिए आयकर की कार्रवाई में जो पैसा बरामद हुआ है, इसी कारोबार का है. परिवारवालों से जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार वह पैसा महुआ खरीदने और रेवेन्यू आदि के मद में देने के लिए रखा गया था. इसका कांग्रेस या किसी अन्य राजनीतिक पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है. इसमें छुपाने जैसा कुछ भी नहीं है. जो भी पैसा बरामद हुआ है, समय आने पर मेरे परिवारवाले उसका हिसाब आयकर विभाग को देंगे. मैं भी जनता को इसके बारे में जानकारी दूंगा.
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यह है मामला
आयकर विभाग ने सांसद धीरज साहू से जुड़े व्यापारिक समूह के विभिन्न ठिकानों पर छह दिसंबर से छापेमारी शुरू की थी. नौ दिनों तक उनके घर व ठिकानों पर तलाशी ली गयी. इस दौरान करोड़ों नगद और जेवरात बरामद किये गये. जिओ फिजिकल इंस्ट्रूमेंट से इनके रांची और लोहरदगा स्थित घर की भी आयकर की टीम ने तलाशी ली. सूचना मिली थी कि जेवरात और पैसे जमीन के अंदर छुपा कर रखे गये हैं. हालांकि, इस कार्रवाई में क्या निकाल कर सामने आया आधिकारिक तौर पर फिलहाल कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी.