रांची: झारखंड में कांग्रेस अपनी खोयी जमीन हासिल करने की कवायद में जुट गयी है. पार्टी की कोशिश है कि समर्पित नेताओं को उचित स्थान मिले़ राज्य में संगठन को मजबूत किया जा सके. झारखंड प्रभारी के तौर पर कामकाज संभालने के बाद अविनाश पांडे इस कोशिश में लगे हुए हैं. पार्टी छोड़ चुके प्रदीप बलमुचू, सुखदेव भगत जैसे कई नेता कांग्रेस में वापसी कर चुके हैं.
अब पार्टी ऐसे नेताओं को उचित जगह देना चाहती है तो पूरी तरह पार्टी के प्रति समर्पित रहे हैं, लेकिन फिलहाल हाशिये पर हैं. ऐसे नेताओं के महत्व को सामने लाने के लिए गुरुवार को दिल्ली में 1990-2022 तक प्रदेश अध्यक्ष, युवा मोर्चा के अध्यक्ष, सेवादल के अध्यक्ष, महिला मोर्चा के अध्यक्ष, एनएसयूआइ के अध्यक्ष और अन्य मोर्चा के अध्यक्ष रहे नेताओं की बैठक होगी.
इस बैठक का मूल मकसद संगठन को मजबूत करने के उपायों पर विचार करना है. पार्टी दशकों तक संगठन में काम कर चुके नेताओं के पार्टी के मजबूत करने में योगदान और मौजूदा संदर्भ में उनकी भूमिका पर विचार किया जायेगा. पार्टी के लिए समर्पित नेताओं को सम्मानित करने का काम किया जायेगा, ताकि संगठन के प्रति निष्ठावान नेताओं को उचित सम्मान मिल सके.
17 अप्रैल को झारखंड के सभी 262 प्रखंडों में संवाद कार्यक्रम आयोजित होंगे. प्रखंड अध्यक्ष इसके संयोजक होंगे. इसके लिए दिल्ली में पांच अप्रैल को सभी संयोजकों की बैठक होगी. इसमें कार्यक्रम की रूपरेखा तय की जायेगी.
अविनाश पांडे, प्रभारी, झारखंड कांग्रेस
झारखंड प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा कि राज्य में संगठन को मजबूत करना हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है. इसे देखते हुए पार्टी 12-20 अप्रैल तक राज्य के सभी जिलों में संवाद यात्रा निकालेगी. इस संवाद यात्रा में प्रभारी खुद शामिल होंगे. इस संवाद यात्रा के लिए हर जिले में एक वरिष्ठ नेता को संयोजक बनाया जायेगा, जो संवाद यात्रा को सफल बनाने का काम करेंगे.
Posted By: Sameer Oraon