Jharkhand Economic Survey: भारत की अर्थव्यवस्था में झारखंड का योगदान, यहां देखें क्या कहते हैं आंकड़े
Jharkhand Economic Survey: खनिज भंडार के लिए मशहूर झारखंड देश का सबसे समृद्ध राज्य माना जाता है. बावजूद इसके इसकी गिनती गरीब राज्यों में होती है. कितनी मजबूत है झारखंड की अर्थव्यवस्था. विश्वसनीय आंकड़े यहां देखें...
Jharkhand Economic Survey: खनिज संपदा से परिपूर्ण झारखंड राज्य की गिनती आज भी गरीब राज्यों में होती है. रघुवर दास जब झारखंड के मुख्यमंत्री थे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें देश के सबसे अमीर राज्य का मुख्यमंत्री कहकर संबोधित करते थे. प्रदेश के वर्तमान मुखिया हेमंत सोरेन मानते हैं कि प्रदेश खनिज संपदा से संपन्न है. यहां के युवाओं में भरपूर ऊर्जा है. बावजूद इसके प्रदेश गरीब है. इसके आगे जो बातें होती हैं, वो राजनीतिक हैं. लेकिन, यह सच है कि अभी भी झारखंड देश के बहुत से प्रदेशों से बहुत पीछे है. 22 साल पूरे कर चुके इस राज्य में एक बार फिर बजट पेश होने जा रहा है.
कई विभाग खर्च नहीं कर पाते आवंटित पैसे
बजट में सरकार बहुत-सी घोषणाएं करती हैं. आय-व्यय का ब्योरा देती है. इसी से राज्य की आर्थिक स्थिति का पता चलता है. झारखंड में कुछ विभाग ऐसे हैं, जो बजट का पूरा पैसा खर्च कर लेते हैं. वहीं, कुछ ऐसे भी विभाग हैं, जो कभी भी आवंटित पैसे खर्च नहीं कर पाते. इससे पता चलता है कि उस विभाग के अधिकारी योजनाओं को पूरा करने में दिलचस्पी नहीं दिखाते. या किसी अन्य वजह से बजट में आवंटित पैसे पड़े रह जाते हैं और जनता को सुविधा नहीं मिल पाती.
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2 मार्च को आयेगा झारखंड का आर्थिक सर्वेक्षण
किसी भी प्रदेश का बजट ही यह बताता है कि उस प्रदेश की माली हालत कैसी है. वहां विकास की रफ्तार क्या है. उसने अब तक किस तरह से तरक्की की है और आने वाले दिनों में उसकी तरक्की की रफ्तार क्या होगी. बजट से पहले आर्थिक सर्वेक्षण पेश होता है, जिसमें इन सबका संकेत मिल जाता है. इस बार 2 मार्च को झारखंड सरकार का आर्थिक सर्वेक्षण आयेगा. तब यह मालूम होगा कि पिछले एक साल में हमने क्या किया है और आगे हम क्या कर सकते हैं. बहरहाल, आज हम झारखंड की भौगोलिक स्थित, उसकी डेमोग्राफी और प्रदेश की अर्थव्यवस्था में हमारी हिस्सेदारी की बात करते हैं.
भारत की आबादी में झारखंड का योगदान 2.7 फीसदी
सबसे पहले बात भौगोलिक स्थिति की. भौगोलिक रूप से देखें, तो भारत के 2.4 फीसदी भू-भाग पर हमारा प्रदेश यानी झारखंड बसा हुआ है. अगर आबादी की बात करते हैं, तो देश की आबादी में हमारी हिस्सेदारी 2.7 फीसदी है. अर्थ यानी धन. यह सबसे अहम है. किसी भी राज्य की तरक्की के लिए. जिन राज्यों की अर्थव्यवस्था बहुत मजबूत होती है, उन्हें विकसित राज्य माना जाता है. देश की अर्थव्यवस्था में उनका योगदान भी बड़ा होता है. अगर देश की अर्थव्यवस्था में झारखंड की हिस्सेदारी की बात करें, तो हमारा प्रदेश झारखंड उसमें 2 फीसदी से भी कम का योगदान देता है. जी हां, 2 फीसदी से भी कम. ये हम नहीं कह रहे. झारखंड सरकार ने खुद पिछले साल के आर्थिक सर्वेक्षण में इसकी जानकारी दी थी.
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देश की अर्थव्यवस्था में झारखंड का योगदान 1.66 फीसदी
झारखंड सरकार के वित्त विभाग के दस्तावेज बताते हैं कि वर्ष 2000-01 में जब यह प्रदेश बिहार से अलग होकर अस्तित्व में आया था, तब देश की अर्थव्यवस्था में इसका योगदान 1.5 फीसदी हुआ करता था. वर्ष 2000-01 से वर्ष 2003-04 तक यह 1.53 फीसदी रहा. वित्त वर्ष 2004-05 से वर्ष 2010-11 के दौरान देश की अर्थव्यवस्था में हमारे प्रदेश का योगदान थोड़ा बढ़ा और यह 1.65 फीसदी हो गया. इसके बाद के 10 वर्ष की बात करें, तो देखेंगे कि वर्ष 2011-12 से वर्ष 2020-21 के दौरान हमने देश की अर्थव्यवस्था में 1.66 फीसदी का योगदान दिया. यानी अब भी हमारा योगदान 2 फीसदी तक नहीं पहुंच पाया.
तेज होगी झारखंड में विकास की गति
हालांकि, यह भी सच है कि वर्ष 2000 में बिहार से अलग होकर अस्तित्व में आये झारखंड का धीरे-धीरे विकास हो रहा है. कई चुनौतियों के बावजूद प्रदेश की वित्तीय स्थिति में सुधार आया है. कोरोनावायरस संक्रमण जैसी वैश्विक महामारी झेलने के बाद राज्य ने खुद को अच्छे से संभाला है. यही वजह है कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट आयी है. अब जबकि झारखंड की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट आयी है, उम्मीद की जा रही है कि जल्दी ही राज्य में विकास की रफ्तार भी तेज होगी.