झारखंड में बनीं समन्वय समिति, पर चार माह में बैठक नहीं

झारखंड समन्वय समिति को हर महीने बैठक कर विकास योजनाओं की समीक्षा करनी थी. चार महीने गुजर गये, समिति की एक भी बैठक नहीं हुई. समन्वय समिति के चार सदस्यों को मंत्री का दर्जा मिला है

By Prabhat Khabar News Desk | April 15, 2023 5:15 AM

राज्य में विकास की संभावना तलाशने व सरकार के साथ विकास योजनाओं को लेकर समन्वय के लिए उच्चस्तरीय समिति बनी. राज्य सरकार ने झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन की अध्यक्षता में समन्वय समिति का गठन किया. इसमें श्री सोरेन सहित नौ सदस्य व विशेष आमंत्रित सदस्य बनाये गये. सरकार के शामिल घटक दलों के आला नेताओं को इसमें शामिल किया गया.

समन्वय समिति को हर महीने बैठक कर विकास योजनाओं की समीक्षा करनी थी. चार महीने गुजर गये, समिति की एक भी बैठक नहीं हुई. समन्वय समिति के चार सदस्यों को मंत्री का दर्जा मिला है. इस समिति में झामुमो से विनोद पांडेय, फागु बेसरा, योगेंद्र महतो व डॉ सरफराज अहमद सदस्य बनाये गये हैं.

वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉ ऋ-राजेश ठाकुर, आलमगीर आलम व बंधु तिर्की भी इस कमेटी में हैं. राजद से मंत्री सत्यानंद भोक्ता को कमेटी का सदस्य बनाया गया है. कमेटी का कार्यकाल तीन वर्षों का है.

समन्वय समिति का काम

  • समन्वय समिति जनाकांक्षी योजनाओं को लेकर समय-समय पर सरकार को परामर्श देगी

  • मजदूरों का पलायन रोकने के लिए विकास योजना बनाने में सलाह देना

  • उपलब्ध संसाधनों के आधार पर विकास योजना पर सरकार के साथ समन्वय बनाना

इन्हें मिला है मंत्री का दर्जा :

कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर, झामुमो नेता विनोद पांडेय, फागु बेसरा, योगेंद्र महतो

ये हैं विशेष आमंत्रित सदस्य

कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, सत्यानंद भोक्ता व बंधु तिर्की

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