कोरोना के बढ़ते मामलों पर झारखंड हाइकोर्ट की कड़ी टिप्पणी- हालात नहीं सुधरे तो राज्य में बढ़ेगा जनाक्रोश
उन्हें लगता है कि अदालत आग्रह कर रही है. अदालत में सिर्फ शपथ पत्र का खेल खेला जा रहा है. यदि स्थिति नहीं सुधरी, तो लोगों में आक्रोश बढ़ेगा. मंगलवार को सुनवाई के दौरान स्वास्थ्य सचिव, रांची के उपायुक्त, रिम्स निदेशक और सिविल सर्जन अदालत के समक्ष ऑनलाइन उपस्थित हुए.
रांची : राज्य में कोरोना संकट से निबटने के इंतजाम को लेकर दायर जनहित याचिका पर मंगलवार को झारखंड हाइकोर्ट में सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने कहा कि राज्य के सचिव सिर्फ कोर्ट के निर्देश को सुनते हैं. इस पर अमल करने की कोशिश नहीं करते हैं.
उन्हें लगता है कि अदालत आग्रह कर रही है. अदालत में सिर्फ शपथ पत्र का खेल खेला जा रहा है. यदि स्थिति नहीं सुधरी, तो लोगों में आक्रोश बढ़ेगा. मंगलवार को सुनवाई के दौरान स्वास्थ्य सचिव, रांची के उपायुक्त, रिम्स निदेशक और सिविल सर्जन अदालत के समक्ष ऑनलाइन उपस्थित हुए.
सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने बताया कि आकस्मिक स्थिति को देखते हुए रांची सदर अस्पताल में 300 ऑक्सीजन बेड का इंतजाम किया गया है. रिम्स के लिए सीटी स्कैन मशीन की खरीदारी की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि इतिहास सबक सीखने के लिए है.
स्पेनिश फ्लू ने कई जानें ली थीं, लेकिन पिछले एक साल में रिम्स की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ. अदालत ने मौजूदा स्थिति को गंभीर बताते हुए कहा कि रिम्स में डॉक्टर अच्छे हैं, लेकिन यहां जरूरी उपकरण नहीं हैं. अदालत ने मामले की सुनवाई स्थगित करते हुए सरकार को प्रगति रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया.
Posted By : Sameer Oraon