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झारखंड को मिली बड़ी राहत: राज्य में नहीं मिला कोई नये वेरिएंट, जानें एक्सपर्ट का क्या है कहना

झारखंड में फिलहाल कोरोना का कोई नया वैरिएंट नहीं मिला है. अभी राज्य में ओमिक्रोन का पुराना वैरिएंट (बीए-टू) ही संक्रमण का कारण है. यह थोड़ी राहत भरी सूचना है

रांची : झारखंड के लिए राहत भरी खबर है. रिम्स में हुई जीनोम सीक्वेंसिंग की जांच में कोई भी नये वेरिएंट की पुष्टि नहीं हुई है. अभी राज्य में ओमिक्रोन का पुराना वैरिएंट (बीए-टू) ही संक्रमण का कारण है. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर कोई नया वैरिएंट मिलता है, तो संक्रमण का फैलाव तेज होगा और उससे निबटने के तरीकों में भी बदलाव की जरूरत पड़ सकती है. लेकिन पुराना ही वैरिएंट पाये जाने से इसका फैलाव बहुत तेज नहीं होगा और इसका इलाज हम बेहतर तरीके से जानते हैं.

रिम्स के जेनेटिक्स एंड जिनोमिक्स विभाग की रिपोर्ट के अनुसार जिन 96 सैंपल की जांच हुई, वे 12 दिसंबर 2021 से 24 जून 2022 तक के थे. इसमें 85 की सिक्वेंसिंग सही से हो पायी है. रिपोर्ट की मानें, तो 82 सैंपल में ओमिक्रोन (बीए-टू)और तीन में डेल्टा वैरिएंट मिला. वहीं दिसंबर से पहले डेल्टा वैरिएंट का फैलाव था. वर्तमान में देश के अधिकांश भाग में ओमिक्रोन के बीए-टू वैरिएंट का फैलाव है. वहीं, देश के कुछ भाग में ओमिक्रोन के बीए-4 और बीए-5 के साथ-साथ बीए-2.75 का फैलाव भी हो रहा है.

टीकाकरण से नियंत्रण संभव :

रिम्स में जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए रांची, खूंटी, बोकारो, जामताड़ा, गिरिडीह, कोडरमा, पलामू और रामगढ़ से सैंपल मंगाये गये थे. इसके साथ ही 65 सैंपल रांची जिला से संग्रहित किये गये थे. एक्सपर्ट का कहना है कि ओमिक्रोन के फैलाव से बचने के लिए सतर्कता बेहद जरूरी है.

टीकाकरण में बढ़ायें भागीदारी

जीनोम सिक्वेंसिंग की रिपोर्ट ओमिक्रोन बीए-टू है, इसलिए ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है. लेकिन सतर्कता और सावधानी पहले की तरह ही जारी रखनी होगी. टीकाकरण में अपनी भागीदारी बढ़ानी होगी, तभी कोरोना के विरुद्ध सुरक्षा मिल सकता है.

डॉ कामेश्वर प्रसाद, निदेशक रिम्स

Posted By: Sameer Oraon

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