Coronavirus: लॉकडाउन में भी जारी है यात्रा, 200 किमी की दूरी भी पैदल तय कर रहे हैं यात्री
बुधवार को रामगढ़-बोकारो मार्ग में बहुत सारे लोगों को पैदल चल कर घर जाते देखा गया
चितरपुर : पूरा देश 14 अप्रैल तक लॉकडाउन है. दूसरे राज्यों से आने वाली बस- ट्रेन और हवाईयात्रा भी बंद है. कई लोग है जो दूसरे शहरों में फंसे हैं. प्रधानमंत्री ने अपील की है कि आप जहां हैं वहीं रहें लेकिन इसके बावजूद भी लोग अपने घरों की तरफ निकल पड़े हैं. कई लोग कभी किसी गाड़ी से लिफ्ट लेकर आधे रास्ते आ रहे हैं तो कोई पैदल ही चल पड़े हैं. लोग 200 किमी की दूरी पैदल ही तय कर घर पहुंच रहे है.
बुधवार को रामगढ़-बोकारो मार्ग में बहुत सारे लोगों को पैदल चल कर घर जाते देखा गया. बड़ी संख्या में लोग अपने सिर और पीठ में बैग एवं थैला लिए अपने गंतव्य स्थान की ओर बढ़ते नजर आये. गोला की वृद्ध महिला डुमरी देवी कुछ दिनों पूर्व अपनी बेटी के घर गोपो गयी थी.
इस बीच रात्रि में पूरे भारत मे लॉकडाउन की घोषणा की गयी. जिस कारण उन्हें चितरपुर से गोला बरियातू रोड लगभग 10-12 किमी पैदल ही जाना पड़ा. इसी तरह पश्चिम बंगाल के पुरुलिया निवासी समीर महतो व झालदा पारडीह निवासी अखिल महतो, मंगल महतो टंडवा में रेलवे साइडिंग में काम कर रहे थे. लॉकडाउन के बाद ये लोग मंगलवार रात्रि में ही घर जाने के लिए टंडवा से निकल गये और किसी तरह एक वाहन से चरही पहुंचे. इसके बाद ये लोग पैदल ही झालदा 120 किमी व पुरुलिया 160 किमी के लिए निकल गये है.
चरही से 12 घंटा की दूरी तय कर ये लोग बुधवार दोपहर 12:30 बजे रामगढ़-बोकरो मार्ग के मारंगमरचा पहुंचे. इसके अलावे कुजू 4 नंबर नयामोड़ स्थित एक होटल में काम करने गये गोला के बरियातू निवासी भदरु महली, सिकंदर महली भी चितरपुर तक किसी तरह आये.
इसके बाद ये लोग लगभग 18-20 किमी की दूरी पैदल ही तय कर घर पहुंचे. वहीं चितरपुर मार्केट के समीप प्लास्टर का काम कर रहे सिकिदीरी निवासी संतोष करमाली, हुप्पू तोयर निवासी सूलेंद्र करमाली, झालदा कोलमा निवासी महावीर करमाली एवं नरसिंहडीह निवासी नारायण करमाली भी पैदल ही कई किमी की दूरी तय कर घर पहुंचे.