Jharkhand Coronavirus Outbreak : सरकारी दावे से अलग रांची में कोरोना जांच की स्थिति बेहद खराब, रिपोर्ट देने में भी देरी होने से बढ़ रही है संक्रमितों की संख्या
प्राइवेट लैब में टेस्टिंग बंद होने की शिकायत कई स्थानीय लोगों की तरफ से आयी. यहां करीब नौ बड़े लैब आरटीपीसीआर टेस्ट कर रहे हैं. टेस्ट की कीमत तय करने के बाद भी सैंपल की संख्या नहीं बढ़ रही है, क्योंकि संसाधन कम पड़ रहे हैं. संक्रमितों की संख्या ज्यादा है, जबकि मशीनें व टेक्नीशियन कम हैं.
Corona test in jharkhand, Ranchi News रांची : राजधानी में कोरोना टेस्ट को लेकर जमीनी हकीकत सरकारी दावों से बेहद अलग है. 10 अप्रैल को कोरोना वायरस संक्रमण के 2,373 नये मामले सामने आये थे, जो 19 अप्रैल को बढ़कर 3,992 हो गये. ये बड़े-बड़े आंकड़े ऐसे समय आ रहे हैं, जब रांची से कम टेस्टिंग की लगातार शिकायतें भी मिल रही हैं.
प्राइवेट लैब में टेस्टिंग बंद होने की शिकायत कई स्थानीय लोगों की तरफ से आयी. यहां करीब नौ बड़े लैब आरटीपीसीआर टेस्ट कर रहे हैं. टेस्ट की कीमत तय करने के बाद भी सैंपल की संख्या नहीं बढ़ रही है, क्योंकि संसाधन कम पड़ रहे हैं. संक्रमितों की संख्या ज्यादा है, जबकि मशीनें व टेक्नीशियन कम हैं.
निजी लैब ने होम सैंपल लेने बंद कर दिये :
निजी लैब कोरोना टेस्ट की जांच कर रहे हैं. अब तक आठ निजी लैब रोजाना करीब 850 सैंपल की जांच कर रही थी, लेकिन सभी निजी लैब बैकलॉग संबंधी तकनीकी दिक्कत के चलते घरों से नए सैंपल लेना सिमित कर दिया था. ऐसे में सोमवार को जब दो दिन बाद सैंपल लिये गये, तो टेस्ट के लिए लंबी लाइन लग गयी. निजी लैब के संचालकों का कहना है कि सरकार बहुत ही कम कीमत पर जांच कर रही है.
रिपोर्ट आने में देरी :
आरटीपीसीआर टेस्ट कराने के बाद एक रिपोर्ट को आने में तीन से पांच दिन का समय लग रहा है. समीर रंजन ने 13 तारीख को टेस्ट के लिए सैंपल दिया है, जिसका रिपोर्ट सोमवार तक नहीं मिल पायी थी. वहीं, कई ऐसे मामले भी सामने आये, जहां रिपोर्ट आठ दिनों में आयी. इससे मरीज खुद को सुरक्षित समझकर बाहर घूम रहा है और दूसरे लोगों को संक्रमित कर रहा है.
Posted By : Sameer Oraon