झारखंड में कोरोना से मौत की संख्या तेजी से घटी, 25 दिन पहले हो रही थी लगभग डेढ़ सौ मौतें, अब हो रही सिर्फ इतनी
उस समय गंभीर संक्रमितों को अस्पताल में बेड तक नहीं मिलता था. अस्पताल के बाहर संक्रमित दम तोड़ देते थे. हालांकि अब स्थिति बदल रही है. विगत पांच दिनों में (21 से 25 मई रात नौ बजे तक) कोरोना से मौत का आंकड़ा 20 पर आकर रुक गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान में जिन संक्रमितों की मौत हो रही है, वह पहले से ही गंभीर अवस्था में अस्पतालों में भर्ती थे. इसके अलावा कुछ संक्रमित गंभीर स्थिति होने पर अस्पताल पहुंच रहे हैं.
Coronavirus In Jharkhand रांची : राज्य में कोरोना की लहर अब कमजोर होती जा रही है. नये संक्रमित कम मिल रहे हैं और स्वस्थ होने वालों की संख्या भी बढ़ रही है. वहीं कोरोना से मरने वालों की संख्या में भी काफी कमी आयी है. 25-30 दिन पहले कोरोना से रोजाना 125 से 150 के बीच संक्रमितों की मौत हो रही थी. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, एक मई को (रात नौ बजे तक) 159 संक्रमितों की मौत हुई थी. यह राज्य में कोरोना के पीक का वक्त था.
उस समय गंभीर संक्रमितों को अस्पताल में बेड तक नहीं मिलता था. अस्पताल के बाहर संक्रमित दम तोड़ देते थे. हालांकि अब स्थिति बदल रही है. विगत पांच दिनों में (21 से 25 मई रात नौ बजे तक) कोरोना से मौत का आंकड़ा 20 पर आकर रुक गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान में जिन संक्रमितों की मौत हो रही है, वह पहले से ही गंभीर अवस्था में अस्पतालों में भर्ती थे. इसके अलावा कुछ संक्रमित गंभीर स्थिति होने पर अस्पताल पहुंच रहे हैं.
यह संक्रमित 12 से 15 दिन पहले अस्पताल में भर्ती हुए थे. इनका हाइफ्लो ऑक्सीजन व इंवेजिव वेंटिलेटर पर रख कर इलाज किया जा रहा था. अस्पताल में ऐसे लोग सही समय पर नहीं पहुंचे, जिस कारण दवा व जीवन रक्षक उपकरण पर लंबे समय तक रखने के बाद भी उनकी जान नहीं बच पायी. इसके अलावा स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह में सख्ती के कारण भी कोरोना का चेन ब्रेक हुआ है, जिससे गंभीर बीमारी से पीड़ित लोग संक्रमण का शिकार नहीं हो रहे हैं.
केस स्टडी::
राजधानी के एक निजी अस्पताल में 57 वर्षीय एक संक्रमित को भर्ती कराया गया था, जहां दो-तीन दिनों तक उनका इलाज चला. उनकी स्थिति में सुधार नहीं होने पर परिजन उसे डिस्चार्ज करा कर दूसरे बड़े निजी अस्पताल में भर्ती कराया. यहां 15 दिनों से उनका इलाज चल रहा था. हाई फ्लो ऑक्सीजन पर रखने के बाद इंवेजिव वेंटिलेटर पर भी रख कर उनका इलाज किया गया, लेकिन 25 मई को उनकी मौत हो गयी. इससे यह पता चलता है कि उनकी स्थिति पहले से ही गंभीर थी. ऐसे में लंबे समय तक अस्पताल में इलाज करने के बाद भी उनकी जान बच नहीं पायी. झारखंड में कोरोना से मौत की संख्या तेजी से घटी तथा News in Hindi से अपडेट के लिए बने रहें।
Posted By : Sameer Oraon