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झारखंड, बिहार और ओड़िशा के सैंपल की एक साथ होगी जीनोम सिक्वेंसिंग, ये है इसकी बड़ी वजह

झारखंड, बिहार और ओड़िशा के स्वास्थ्य विभागों के बीच सामंजस्य स्थापित किया जायेगा. तीनों राज्यों के पास जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन है, लेकिन सैंपल नहीं हैं

कोरोना के नये वेरिएंट ओमिक्रोन बीएफ-7 को लेकर संशय की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. वहीं, राज्य सरकार की भी चिंता बढ़ गयी है. सबसे बड़ी समस्या नये वेरिएंट की पहचान करने में आ रही है. पर्याप्त सैंपल के अभाव में राज्य में जीनोम मशीन होते हुए भी जांच नहीं हो पा रही है. ऐसी स्थिति में राज्य सरकार नयी व्यवस्था के प्रयास में जुटी है.

इसके तहत झारखंड, बिहार और ओड़िशा के स्वास्थ्य विभागों के बीच सामंजस्य स्थापित किया जायेगा. तीनों राज्यों के पास जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन है, लेकिन सैंपल नहीं हैं. ऐसे में जो राज्य जांच के लिए तैयार होंगे, वहां पर अन्य दो राज्यों के सैंपल भेजे जायेंगे.

वहां पर जीनोम सिक्वेंसिंग करायी जायेगी. नये वेरिएंट की पहचान होने पर उसके हिसाब से निर्देश जारी किया जायेगा. सूत्रों की मानें, तो मशीन का एक बार उपयोग करने पर करीब तीन लाख रुपये का खर्च आता है. इसलिए कोई भी राज्य अनावश्यक खर्च करने से बचना चाह रहा है.

एक जगह जांच का प्रयास

जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए न्यूनतम 96 सैंपल चाहिए. लेकिन, इतने सैंपल किसी भी पड़ोसी राज्य के पास नहीं हैं. ऐसे में हम ओड़िशा और बिहार के स्वास्थ्य विभाग से सांमजस्य स्थापित करने के प्रयास में हैं, ताकि एक जगह जीनोम सिक्वेंसिंग की जांच संभव हो सके.

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