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कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते झारखंड सरकार अलर्ट, सभी जिले के लिए जारी किया गया दिशा निर्देश

झारखंड में बढ़ते संक्रमण के चलते सरकार सतर्क हो गयी है, उन्होंने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि 24 घंटे के अंदर कोरोना लक्षण वाले व्यक्ति के सैंपल की जांच करायी जाए. इसमें आरटीपीसीआर जांच शामिल होनी चाहिए. इसके लिए सभी जिलों को एक निश्चित टारगेट भी दिया गया है

By Prabhat Khabar News Desk | January 3, 2022 10:27 AM

रांची : कोरोना के लक्षण वाले व्यक्ति के सैंपल की जांच 24 घंटे के अंदर करायी जाये. इसमें आरटीपीसीआर जांच शामिल होनी चाहिए. कोरोना के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर सरकार ने सभी उपायुक्तों को ऐसे ही करीब 23 बिंदुओं पर निर्देश जारी किया है. रांची, कोडरमा, धनबाद, रामगढ़, बोकारो और हजारीबाग में पिछले एक सप्ताह के दौरान कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार अलर्ट मोड पर काम कर रही है.

उपायुक्तों को कहा गया है कि कोरोना की जांच के लिए जिलों के लिए लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है, जिसको हर हाल में पूरा करना है. स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में रोजाना एक लाख कोरोना जांच कराने का लक्ष्य तय किया गया है. इसमें 60 फीसदी जांच आरटीपीसीआर और 40 फीसदी जांच रैपिड एंटीजेन के जरिये की जानी है.

10% संक्रमित मिलेंगे, तो घोषित होंगे कंटेनमेंट जोन

राज्य में हो रहे कोविड-19 टेस्ट में 10 प्रतिशत या उससे अधिक पॉजिटिव मिलने पर संबंधित क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित किया जायेगा. संक्रमित की पहचान कर उसके संपर्क में आनेवाले व्यक्तियों के बाहर निकलने पर पाबंदी लगायी जायेगी. संबंधित स्थान को भी सील किया जायेगा.

भारत सरकार की सलाह पर आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी जिलों को इससे संबंधित निर्देश दिया है. संक्रमितों की संख्या में वृद्धि होने पर जांच का दायरा बढ़ाने, सामाजिक समारोह बंद कराने और 100 प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करने को कहा गया है. मास्क व सोशल डिस्टैंसिंग सभी जिलों को अनिवार्य रूप से लागू करने को कहा गया है. उपायुक्तों को सभी सार्वजनिक जगहों को नियमित रूप से सैनिटाइज कराने की सलाह भी दी गयी है.

जिलों को जारी किया गया आदेश

अस्पताल के ओपीडी में आनेवाले मरीज जिनमें खांसी-सर्दी, बुखार, सिर दर्द, सांस लेने में समस्या, स्वाद व सुगंध गायब होने और डायरिया की समस्या है, उनकी कोरोना जांच करायी जाये.

ओमिक्रोन प्रभावित देश या राज्य से आनेवाले व्यक्ति या उनके संपर्क में आनेवाले की जांच जरूर हो.लक्षण वाले व्यक्ति के सैंपल की जांच 24 घंटे के अंदर करायी जाये, जिसमें आरटीपीसीआर जांच शामिल हो.

ड्राइवर, बैंक स्टाफ, फ्रंट डेस्क वर्कर, पोस्टऑफिस कर्मी, प्राइवेट कुरीयर, फूड डिलिवरी वर्कर, होटल स्टाफ, औद्योगिक क्षेत्र के श्रमिक, नगरपालिका कर्मी, सैनिटाइजर कर्मी, सब्जी और हाट के अलावा स्ट्रीट वेंडर की प्राथमिकता से जांच करायी जाये.

पंचायत स्तर पर रैपिड एंटीजेन टेस्ट के लिए बूथ बनाया जाये. संक्रमित रोगियों की मैपिंग कर कलस्टर तैयार किया जाये, जिसमें 100 घरों की जांच करायी जाये.

भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन कराया जाये. एक संक्रमित के संपर्क में आनेवाले 30 संभावित लोगों की पहचान की जाये. कंटेनमेंट जोन व माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाये जायें.

जांच में आइसीएमआर गाइडलाइन का पालन करते हुए स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल पर रिपोर्ट अपलोड किया जाये और जीनोम सिक्वेंसिंग की जांच के लिए सैंपल को भुवनेश्वर भेजा जाये. होम आइसाेलेशन की जांच के लिए टीम गठित की जाये.

एचआइवी, डायलिसिस, टीबी, कैंसर, हार्ट व किडनी के मरीजों का डाटा तैयार कर उनकी समय-समय पर जांच की जाये. दूध व राशन की दुकान और बाजार क्षेत्र की निगरानी रखी जाये और लक्षण वाले व्यक्ति की पहचान की जाये.

कोविड व नॉन कोविड अस्पतालों में संक्रमितों का इलाज और जांच सुनिश्चित की जाये. निजी अस्पतालों से 10% बेड आरक्षित करने की व्यवस्था की जाये.

जिलों के लिए तय किया गया जांच का लक्ष्य

रांची 14500

पू सिंहभूम 8500

बोकारो 5500

धनबाद 5000

कोडरमा 5000

देवघर 4000

हजारीबाग 4400

प सिंहभूम 4900

गिरिडीह 3800

चतरा 3900

गढ़वा 3800

पलामू 3800

दुमका 3700

गुमला 3000

गोड्डा 2900

खूंटी 2900

लातेहार 2500

रामगढ़ 2900

जामताड़ा 2500

लोहरदगा 2500

पाकुड़ 2500

साहिबगंज 2500

सरायकेला 2500

सिमडेगा 2500

Posted By : Sameer Oraon

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