रांची : झारखंड में कोरोना की तीसरी लहर में ओमिक्रोन की पुष्टि के बाद अब जो आंकड़े आ रहे हैं उससे इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि यहां तीसरी लहर अब ढलान पर है. आंकड़ों के हिसाब से पीक संभवत: गुजर गया है. हालांकि विशेषज्ञ बता रहे हैं कि स्थिति पूरी तरह साफ होने में एक और सप्ताह लगेगा. स्वस्थ होनेवालों का ग्राफ अचानक बढ़ने और नये संक्रमितों की तुलना में ठीक होनेवालों की संख्या दोगुनी होने को बेहतर संकेत माना जा रहा है.
राज्य में पिछले चार दिनों के आंकड़ों पर गौर करें तो पाते हैं कि 15 जनवरी को नये संक्रमित 3,258 मिले, जबकि 3,351 स्वस्थ हुए. 16 जनवरी को 2,776 नये संक्रमित मिले, जबकि कोरोना को 4,114 लोगों ने मात दी. वहीं 17 जनवरी को 2,499 नये संक्रमित मिले और 4,266 स्वस्थ हुए. 18 जनवरी को 2514 नये संक्रमित मिले और 3898 स्वस्थ हुए.
रिम्स के क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ डॉ प्रदीप भट्टाचार्या ने कहा कि देश के अधिकांश राज्यों में ऐसा ही ट्रेंड देखने को मिल रहा है. झारखंड में भी यही देखा जा रहा है. राज्य के जिन जिलों में सबसे ज्यादा संक्रमित मिल रहे थे, वहां अब ठीक होनेवाले दोगुने हैं. नये संक्रमितों की संख्या भी लगातार घटती दिख रही है. ऐसे में यह कहा जा सकता है कि कोरोना की तीसरी लहर समाप्ति की ओर है.
कोरोना संक्रमितों की संख्या घटी है, वहीं ठीकवाले तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में कोरोना के ढलान पर आने के संकेत मिलने लगे हैं. हालांकि स्पष्ट करने के लिए एक सप्ताह का मूल्यांकन अभी और करना होगा. कोरोना की गाइडलाइन का पालन करने और टीकाकरण से ही यह संभव हुआ है.
पद्मश्री डॉ कामेश्वर प्रसाद, निदेशक रिम्स
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बोले : स्थिति स्पष्ट होने में अभी एक और सप्ताह
15 जनवरी 3258 3351
16 जनवरी 2776 4114
17 जनवरी 2499 4266
18 जनवरी 2514 3898
15 जनवरी 1002 1031
16 जनवरी 888 1083
17 जनवरी 584 1172
18 जनवरी 829 1222
राज्य में कुल जांच : 63575
नये संक्रमित मिले : 2514
स्वस्थ हुए : 3898
मौत : 04
एक्टिव केस : 28586
कोरोना जांच के लिए राजधानी में बने विशेष जांच केंद्रों पर बहुत कम लोग पहुंच रहे हैं. इस कारण मारवाड़ी भवन स्थित जांच केंद्र को मंगलवार से बंद कर दिया गया. यहां सोमवार की दोपहर तक सिर्फ तीन लोग जांच कराने पहुंचे थे. कोरोना जांच के लिए राजधानी में 12 जगहों पर विशेष जांच केंद्र की व्यवस्था की थी. हर सेंटर को रोजाना 100-100 जांच किट दिये जाते हैं, लेकिन 50 किट का भी उपयोग नहीं हो पाता है. कई केंद्रों पर तो इक्के-दुक्के लोग ही जांच कराने पहुंच रहे हैं.
Posted By : Sameer Oraon